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ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए हमले का संज्ञान ले संयुक्त राष्ट्र : विश्व हिंदू परिषद

विहिप ने इस बात को स्पष्ट किया कि विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) केवल तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के संदर्भ में लाया गया है।

नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शनिवार को पाकिस्तान स्थित सिखों के पवित्र स्थल ननकाना साहिब पर हुए हमले की कड़ी निंदा की और संयुक्त राष्ट्र मानवाधीकार परिषद (यूएनएचआरसी) से आग्रह किया कि वह इस मामले में संज्ञान ले। विहिप ने पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा का मुद्दा भी उठाया और कहा कि जरूरत पड़ती है तो श्रीलंका के तमिलयों के लिए भी अलग से कानून लाया जाए।

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हालांकि, विहिप ने इस बात को स्पष्ट किया कि विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) केवल तीन देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के संदर्भ में लाया गया है।

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पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारे में शुक्रवार को हुए हमले और वहां के ग्रंथी की बेटी के अपहरण के मामले पर बोलते हुए विहिप ने कहा, “यह पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू और सिख विरोधी अत्याचारों का जीवंत उदाहरण है।” विश्व हिंदू परिषद ने आगे कहा, “यह एक महत्वपूर्ण बात है कि शुक्रवार की नमाज के बाद यह हमला किया गया।”

इससे पहले हमले को लेकर विदेश मंत्रालय ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी। विश्व हिंदू परिषद ने केंद्र की मोदी सरकार और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से आग्रह किया है कि वह इस संदर्भ में संज्ञान लेकर पाकिस्तान पर दबाव बनाए कि वह अपने कार्यो को सुधारे और सिख लड़की को वापस लौटाए। ननकाना साहिब के मुस्लिम निवासियों ने सैकड़ों की तादात में इकट्ठा होकर ननकाना साहिब गुरुद्वारा में पत्थरबाजी की।

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो क्लिप से दावा किया जा रहा है कि भीड़ का नेतृत्व मोहम्मद हसन के परिवार ने किया था। हसन पर ही एक सिख लड़की का अपहरण करने और जबरन शादी कर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा है।