मुंबई। एनसीपी पर कब्जे की जंग जारी है। इस जंग में एनसीपी के संस्थापक और दिग्गज नेता शरद पवार पूरी कोशिश कर रहे हैं। वहीं, उनके भतीजे और बागी अजित पवार भी पीछे नहीं हैं। एनसीपी के समर्थकों को अपने पाले में लाने के लिए चाचा शरद पवार और भतीजे अजीत पवार की जंग लगातार तेज होती जा रही है। इस जंग में अजित पवार को शनिवार के दिन कुछ और ताकत मिली, जब एनसीपी के वाई-खंडाला-महाबलेश्वर विधानसभा क्षेत्र के तमाम कार्यकर्ताओं ने उनसे मुलाकात कर समर्थन देने का एलान किया। एनसीपी के विधायक मकरंद जाधव के नेतृत्व में अजित पवार से मिलने उनके समर्थक पहुंचे थे।
अजित पवार ने समर्थकों से मुलाकात के दौरान बताया कि आखिर एनसीपी में मौजूदा हालत किस वजह से हुई। विधायक मकरंद जाधव के साथ आए लोगों ने अजित पवार की बातें ध्यान से सुनीं। जिसके बाद उन्होंने अजित पवार के अपने चाचा शरद पवार से अलग होने के फैसले को सही ठहराया। मौजूद एनसीपी समर्थकों ने एलान किया कि वे अजित पवार का ही समर्थन करेंगे। इन समर्थकों के अलावा पहले भी तमाम समर्थकों ने अजित पवार के फैसले का समर्थन किया है। हालांकि, अनेक एनसीपी नेता और कार्यकर्ता अब भी शरद पवार का साथ दे रहे हैं।
अजित पवार ने बीते दिनों एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष में से एक प्रफुल्ल पटेल और वरिष्ठ नेता छगन भुजबल के अलावा अन्य विधायकों के साथ शरद पवार के खिलाफ आवाज उठाई। इसके बाद अजित और 7 अन्य विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार में शपथ ली। अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया। अजित पवार गुट ने शरद पवार को एनसीपी का अध्यक्ष मानने से भी इनकार कर दिया। दोनों के बीच जंग का मसला अब चुनाव आयोग में पहुंच गया है। शरद पवार महाराष्ट्र में घूम-घूमकर अजित के खिलाफ माहौल बनाते और अपने समर्थक जुटाते दिख रहे हैं।