नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में चौथे चरण के लिए होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री व बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान यूपी के देवरिया पहुंचे थे। जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित करने के दौरान लोगों को योगी सरकार की उपलब्धियों से रूबरू कराया, तो वहीं दूसरी तरफ सपा की पूर्व सरकार पर जमकर हमला भी बोला। यूं तो शिवराज ने बेशुमार मसलों का सहारा लेकर अखिलेश पर निशाना साधा, लेकिन जिस तरह उन्होंने सपा प्रमुख को औरंगेजब करार दिया, उसे लेकर अब चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। बता दें कि शिवराज ने अखिलेश को औरंगेजब बताया है। उन्होंने अखिलेश पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि जो अपने बाप का नहीं हुआ है, वो भला आपका क्या होगा।
शिवराज ने ये बातें अखिलेश के संदर्भ में ही कही। शिवराज ने ने आगे कहा कि ये बातें मैं नहीं कह रहा हूं कि काफी पहले खुद मुलयाम सिंह यादव अपने बेटे अखिलेश यादव के संदर्भ में ऐसा कह चुके हैं। उन्होंने अपने बेटे अखिलेश के बारे में यह कहने से तनिक भी गुरेज नहीं किया था कि जो शख्स अपने बाप का नहीं हुआ है, वो भला आपका क्या होगा। इसी बीच आज शिवराज ने मुलायम सिंह यादव के उसी कथन को दोहराते हुए अखिलेश पर निशाना साधा है, जिससका वीडियो अभी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। शिवराज ने आगे कहा कि मुलायम सिंह यादव ने एक बार चुनावी रैली को संबोधित करने के दौरान कहा था कि जितना अपमान अखिलेश ने मेरा किया है, उतना इस दुनिया में आज तक किसी ने भी नहीं किया था।
#WATCH अखिलेश यादव आज के औरंगज़ेब है। जो अपने बाप का नहीं हुआ, वह आप का क्या होगा। यह मैं नहीं कह रहा हूं, यह मुलायम सिंह यादव ने कहा था। औरंगज़ेब ने भी यही किया था अपने बाप को जेल में बंद कर दिया भाईयों का कत्ल कर दिया: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, देवरिया pic.twitter.com/wuWqc5AQdx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 20, 2022
इसके आगे शिवराज ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव के वाकयों को याद कर अखिलेश को निशाने पर लेते हुए कहा था कि विगत लोकसभा चुनाव में जीत की चाहत में अखिलेश ने बुआ के साथ गठबंधन किया था। लेकिन जब मुंह की खानी पड़ी थी, तो मौसी की याद आ गई। यही नहीं, उन्होंने चुनाव जीतने की खातिर अब तक जितने भी गठबंधन किए हैं, वे सभी के सभी फ्लॉप ही साबित हुए हैं। बतौर पाठक शिवराज के उक्त बयान से आपको यह समझने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए की रालोद के साथ सपा के गठबंधन को लेकर अखिलेश पर निशाना साधा है। बता दें कि चुनाव जीतने की चाहत में अखिलेश ने रालोद के साथ गठबंधन किया है। अब ऐसे में उनका गठबंधन भरा यह दांव आगामी दिनों में कितना कारगर साबित हो पाता है। यह तो फिलहाल 10 मार्च यानी की नतीजों के दिन ही स्पष्ट हो पाएगा।