नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव अगले साल यानी 2024 में हैं। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की बात बिहार के सीएम और जेडीयू नेता नीतीश कुमार कह रहे हैं। नीतीश ने शनिवार को कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन में कांग्रेस से कहा कि वो विपक्षी एकता के लिए तत्काल जुट जाए। नीतीश ने दावा किया कि विपक्षी एकजुटता होगी, तो बीजेपी को लोकसभा चुनाव में 100 सीट भी नहीं मिलेंगी। नीतीश की इस बात पर सम्मेलन में मौजूद कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद ने कह दिया कि प्यार में मसला ये फंस जाता है कि पहले कौन आई लव यू कौन कहेगा। जाहिर तौर पर खुर्शीद ने साफ कर दिया कि इसके लिए कांग्रेस नहीं, बल्कि अन्य विपक्षी दलों को आगे आना होगा। वहीं, विपक्ष की एक और बड़ी नेता ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने पहले ही अपनी बुआ को संकेतों में पीएम पद का दावेदार बता दिया है।
अभिषेक बनर्जी ने एबीपी न्यूज के साथ बातचीत में ममता के पीएम कैंडिडेट होने के सवाल पर साफ कहा कि ममता जैसा बीजेपी विरोध किसी और पार्टी ने नहीं दिखाया है। अभिषेक ने कहा कि बंगाल में हम हमेशा बीजेपी का मुखर विरोध करते रहे हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता के पैर में फ्रैक्चर हो गया था, लेकिन वो बीजेपी के खिलाफ चुनाव प्रचार अभियान में जुटी रहीं। अभिषेक के इन संकेत भरे बातों से ये साफ है कि टीएमसी विपक्ष के किसी अन्य नेता को ममता से आगे नहीं मान रही है। जाहिर है, इससे बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकता की विपक्षी कोशिश फिलहाल सफल होती नहीं दिख रही।
विपक्षी एकता की राह में बड़ा रोड़ा कांग्रेस के खिलाफ अन्य दलों का पुराना रुख रहा है। बिहार में नीतीश कुमार भले ही कह रहे हैं कि उनको किसी पद का लालच नहीं है, लेकिन जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह समेत तमाम नेता उनको पीएम पद का प्रत्याशी बताते थक नहीं रहे हैं। अभिषेक बनर्जी ने ममता के सामने बाकी विपक्षी दलों को नाकारा बता दिया है। यूपी में सपा और बीएसपी अब कांग्रेस से दूरी बना चुके हैं। वहीं, कांग्रेस हर हाल में राहुल गांधी को पीएम पद के प्रत्याशी के तौर पर आगे रखना चाहती है। ऐसे में विपक्षी दलों की पीएम नरेंद्र मोदी विरोधी एकता फिलहाल डांवाडोल ही दिख रही है।