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Rajasthan: छात्रों को विवादित किताब बांटने पर बुरी फंसी महिला शिक्षका, पहुंची सलाखों के पीछे

Rajasthan: महिला शिक्षिका ने अपने बचाव में न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाते हुए अग्रिम जमानत याचिका की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उक्त याचिका को खारिज करते हुए महिला शिक्षिका के कृत्य की गंभीरता के दृष्टिगत उसे सलाखों के पीछे भेजने का निर्देश दिया है। वहीं, महिला शिक्षिका निर्मला कामड़ की गिरफ्तारी के बाद दो तरह के गुटों का उदय हो चुके हैं।

नई दिल्ली। राजस्थान के भीलवाड़ा में महिला शिक्षिका निर्मला कामड़ को छात्रों के बीच धर्म विरोधी पुस्तकें बांटने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है। स्थानीय संगठनों का आरोप है कि शिक्षिका बच्चों को किताबी ज्ञान देने की जगह मजहबी जहर भरने का काम कर रही है। वे बच्चों के बीच धर्म विरोधी किताबें बांट रही हैं। बता दें कि महिला शिक्षिका के उक्त कृत्य से रोषयुक्त हुए स्थानीय संगठनों ने प्रदर्शन भी किया था व स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर  शिक्षिका के विरोध में कार्रवाई करने की मांग की थी, जिसके बाद प्रशासन ने महिला शिक्षिका के विरोध में कार्रवाई करते हुए उन्हें सलाखों के पीछे भेजा गया। बता दें कि विगत शनिवार को स्थानीय बाशिंदों की तहरीर के उपरांत पुलिस ने महिला शिक्षिका को सलाखों के पीछे भेजा है।

rajasthan teacher

हालांकि, महिला शिक्षिका ने अपने बचाव में न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाते हुए अग्रिम जमानत याचिका की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उक्त याचिका को खारिज करते हुए महिला शिक्षिका के कृत्य की गंभीरता के दृष्टिगत उसे सलाखों के पीछे भेजने का निर्देश दिया है। वहीं, महिला शिक्षिका निर्मला कामड़ की गिरफ्तारी के बाद दो तरह के गुटों का उदय हो चुके हैं। एक तो महिला शिक्षिका के पक्ष में और दूसरे उनके विरोध में स्थानीय प्रशासन के समक्ष ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। कुछ लोग उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, तो कुछ उनकी गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं।

फिलहाल तो उक्त महिला शिक्षिका को सलाखों के पीछे  जा चुका है। उधऱ, विश्व हिंदू परिषद समेत अन्य हिंदू संगठनों  ने भी महिला शिक्षिका के खिलाफ स्थानीय प्रशासन से सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग  की है, जिसमें विश्व हिंदू परिषद समेत अन्य हिंदू संगठन शामिल है। बता दें कि उक्त प्रकरण को संज्ञान में लेने के बाद विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं  ने जिला प्रशासन से समक्ष विरोध प्रदर्शन किया था। उधऱ, महिला शिक्षिका की तरफ से अभी तक उक्त प्रकरण पर कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि शिक्षिका का काम छात्रों को शिक्षित करना होता है, ना किसी धर्म विशेष के विरोध में छात्रों के बीच में इल्म की दरिया बहाना है। खैर, अब आगे चलकर यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।