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चीन को अब इस तरह जवाब देने की तैयारी में भारत, लद्दाख सीमा तक पहुंचेगी दुनिया की सबसे ऊंची रेल लाइन

पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन सैनिकों के बीच 15-16 जून की दरमियानी रात हिंसक झड़प हो गई थी। इस झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, इस घटना में चीन के भी 43 जवान हताहत हुए थे।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन सैनिकों के बीच 15-16 जून की दरमियानी रात हिंसक झड़प हो गई थी। इस झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, इस घटना में चीन के भी 43 जवान हताहत हुए थे। LAC पर भारत और चीनी सैनिक के बीच हुई इस हिंसक झड़प के बाद दोनों के देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।

India China army

इतना ही नहीं चीन ने सीमा तक अपने सैनिकों और हथियारों को पहुंचाने के लिए रेल और सड़क मार्ग का मजबूत नेटवर्क तैयार कर लिया है। ऐसे में सामरिक तौर पर चीन को जवाब देने और भारतीय सेना को वहां तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे ने भी कमर कस ली है। अगर अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा तक रेल ट्रैक बिछा रहा है तो भारतीय रेलवे ने भी चीन सीमा तक दुनिया की सबसे ऊंची रेललाइन बनाने का काम शुरू कर दिया है जो लेह तक जाएगी। सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही इस रेल लाइन परियोजना को बिलासपुर-मनाली-लेह के जरिए सीमा तक जोड़ा जाएगा। सबसे कम तापमान और कम ऑक्सीजन के बीच दुनिया के सबसे ऊंचे दर्रों में बन रही 1500 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर लेवलिंग का काम पूरा हो गया है।

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से लेह के बीच इस 475 किलोमीटर लंबी ब्रॉडगेज पर पटरी बिछाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इस रेल लाइन पर पुल, स्टेशन और सुरंग में महत्वपूर्ण स्थानों पर 184 कंट्रोल प्वाइंट बनाए जाएंगे। बता दें कि इस रेल लाइन पर 51 फीसदी सुरंगों का काम पूरा हो चुका है जबकि 110 पुलों को बनाने का काम जारी है।

India China border railway station

इस रूट पर 31 रेलवे स्टेशन होंगे और इसकी लागत 68 हजार करोड़ रुपये है। इस रेल लाइन के बन जाने के बाद चीन सीमा पर तैनात जवानों तक रसद और हथियार पहुंचाने में आसानी होगी क्योंकि यह लाइन चीन सीमा के पास तक जाएगी। भारतीय रेल के इतिहास में इस रेल लाइन के निर्माण को सबसे मुश्किलों कामों में से एक माना जा रहा है।