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UP: भ्रष्टाचार के लिए ‘जेम पोर्टल’ बना काल, विभागों ने 7,177 करोड़ रुपए से ज्यादा की खरीदारी की

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उस असंभव को संभव कर दिखाया है, जिसे सरकारी सिस्टम का नासूर कहा जाता था। इससे उन्होंने प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन की वह नजीर पेश की है, जो अन्य प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उस असंभव को संभव कर दिखाया है, जिसे सरकारी सिस्टम का नासूर कहा जाता था। इससे उन्होंने प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन की वह नजीर पेश की है, जो अन्य प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय है। सूबे में सत्ता संभालते ही केवल एक निर्णय से उन्होंने प्रदेश में सपा और बसपा की सरकार से चली आ रही विभागीय खरीदारी में हर साल सैकड़ों करोड़ के भ्रष्टाचार पर रोक लगा दी है। यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री योगी के भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति को अक्षरश: अमलीजामा पहनाया जा रहा है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद सीएम योगी ने जेम पोर्टल लागू करने की व्यवस्था के आदेश अगस्त 2017 में ही दे दिए थे। इस बाबत एक शासनादेश जारी हुआ था, जिसमें कहा गया था कि शासकीय विभागों और उनके अधीनस्थ संस्थाओं में खरीदारी के लिए जेम (GeM) की व्यवस्था अनिवार्य की गई है, जो उत्पाद या सेवाएं जेम पोर्टल पर उपलब्ध हैं, उनकी खरीदारी अनिवार्य रूप से जेम पोर्टल से ही की जाएगी। इसका नतीजा यह हुआ कि विभिन्न विभागों ने प्रदेश में जेम पोर्टल के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1674 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2401 करोड़ रुपए की खरीदारी की, जो लगातार बढ़ते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में माह दिसंबर तक कुल 25 सौ करोड़ की खरीदारी की गई है। इस प्रकार पौने चार साल में करीब 7177 करोड़ रुपए से ज्यादा की खरीदारी जेम पोर्टल से विभागों ने की है।

CM Yogi Adityanath

इस बारे में एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल कहते हैं कि, “मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टलरेंस की नीति स्पष्ट है। सरकार भ्रष्टाचार को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए कटिबद्घ है। जेम पोर्टल उसी प्रयास का एक सार्थक परिणाम है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है।”

निस्संदेह सैकड़ों करोड़ के भ्रष्टाचार पर लगी है रोक: आईआईए

आईआईए के चेयरमैन पंकज गुप्ता कहते हैं कि जेम पोर्टल सरकार और उद्यमियों के लिए बहुत फायदेमंद प्लेटफॉर्म है। सरकारी विभागीय खरीद में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार रोकने में यह राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय है। इसके यूपी में लागू होने से निस्संदेह पिछली सरकारों से चले आ रहे सैकड़ों करोड़ के भ्रष्टाचार पर रोक लगी है। सरकार का उद्देश्य था कि बिना किसी भ्रष्टाचार के एमएसएमई को सही रेट मिले। सही लोग पार्टिशिपेट कर सकें। विभागीय टेंडर की प्रक्रिया में बहुत समय बेकार होता था और उद्मियों का पैसा भी बहुत खर्च होता था, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता था।

CM Yogi Adityanath

इससे पहले किसी सरकार ने नहीं दिखाई हिम्मत

प्रदेश में इससे पहले सपा और बसपा की सरकार ने यह निर्णल लेने की हिम्मत नहीं दिखाई थी। जबकि सरकारी खरीदारी के नाम पर हर साल अवैध रूप से सैकड़ों करोड़ रुपए कमीशन के रूप में लिए जाते थे। सूबे में सरकार की ओर से सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात प्रोत्साहन विभाग को नोडल विभाग बनाया है। नोडल विभाग की ओर से जेम की पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) टीम का गठन प्रदेश में किया गया है।

देश में सबसे अधिक खरीद करने वाला पहला राज्य बना यूपी

केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवॉर्ड और 2019 में सुपर बायर अवॉर्ड से सम्मानित किया है। इस समय प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर जेम पोर्टल के माध्यम से सर्वाधिक खरीदारी करने वाला पहला राज्य है। इस साल दिसंबर तक 71814 विक्रेता भी जेम पर पंजीकृत हैं, जिसमें से 26029 एमएसएमई ईकाईयां हैं।

GeM Portal

मैनपावर आउटसोर्सिंग, टैक्सी, सफाई आदि सेवाएं भी जेम पोर्टल पर

जेम पोर्टल से खरीदारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पोर्टल के माध्यम से विभागों के लिए खरीदारी को गुणवत्तापूर्ण, पारदर्शी और मित्तव्यीय बनाया गया है। प्रदेश के कुछ विभागों की ओर से जेम पोर्टल पर उपलब्ध सेवाओं का क्रय ई टेंडर से भी किया जा रहा है। कई विभागों की ओर से उत्पादों के साथ मैनपावर आउटसोर्सिंग, टैक्सी, सफाई आदि सेवाएं भी जेम पोर्टल से ली जा रही हैं। पोर्टल पर आपूर्तिकर्ताओं, विक्रेताओं के साथ विविध वस्तुओं और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है।

क्या है जेम पोर्टल

जेम पोर्टल एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां पर 70 हजार से ज्यादा विक्रेता पंजीकृत हैं। इन विक्रेताओं के हजारों उत्पाद भी निर्धारित दर और मानक के अनुसार उपलब्ध हैं। चूंकि सरकार की ओर से आदेश है कि जो उत्पाद या सेवाएं जेम पोर्टल पर उपलब्ध हैं, उनकी खरीदारी अनिवार्य रूप से जेम पोर्टल से ही की जाएगी।