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Health Update: मीठी चीजें मूड को कर देती हैं हैप्पी, स्टडी में आया सामने

Health Update: हमारे देश में मिठाईयां खाने का मतलब खुशियां सेलिब्रेट करने का मतलब है। जब हम परेशान होते हैं या मेंटली थकान महसूस करते हैं तब भी मिठास ही हमें अपनी ओर खींचती है। कई लोग तो मीठी चीजों को खाकर बहुत ही अच्छा भी महूसस करते हैं

नई दिल्ली। हमारे देश में मिठाईयां खाने का मतलब खुशियां सेलिब्रेट करने का मतलब है। जब हम परेशान होते हैं या मेंटली थकान महसूस करते हैं तब भी मिठास ही हमें अपनी ओर खींचती है। कई लोग तो मीठी चीजों को खाकर बहुत ही अच्छा भी महूसस करते हैं और तनाव आदि को दूर करने के लिए चॉकलेट या मिठाई का सहारा लेते हैं। दरअसल मिठास और हमारे ब्रेन का आपस में गहरा संबंध कहा माना जाता है। हेल्‍थ शॉट्स की मुताबिक, यह माना गया है कि मीठी चीजें हमें कुछ देर के लिए तनाव से दूर ले जा सकती हैं। लेकिन ये हमारी मेंटल हेल्‍थ पर दूरगामी बुरा प्रभाव डाल सकती हैं।

मूड और मिठास

अगर आप ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन करें तो मूड डिसऑर्डर की संभावना बढ़ सकती है। एक शोध में पाया गया कि संतृप्त वसा और अतिरिक्त मिठास यदि नियमित रूप से खायी जाए तो 60 साल से ज्यादा उम्र के वयस्कों में एंग्जायटी की समस्‍या हो सकती है।

अवसाद का कारण

एक शोध में अवसाद और चीनी के बीच उच्च आहार के आपसी संबंधों को ढूंढा गया था। जिसमें यह पाया गया कि चीनी का ज्यादा सेवन दिमाग के कुछ रसायनों में असंतुलन को ट्रिगर करता है। जिस वजह से असंतुलन अवसाद हो सकता है। यह अवसाद कुछ लोगों में मानसिक स्वास्थ्य विकार के खतरे को बढा भी सकता है।

कोकीन से ज्यादा चीनी का एडिक्‍शन

चीनी का एडिक्‍शन कोकीन से भी अधिक प्‍लेजर देने वाला होता है। यह दिमाग को तुरंत रिलीफ देने का काम करती है। इस तरह कह सकते हैं कि हाई फॉर्म ऑफ शुगर कोकीन से भी अधिक स्‍ट्रॉन्‍गर होता है।