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Tokyo Olympics: टीम इंडिया के चमत्कार में शामिल था मां का प्यार, सुमित झुमके से बने लॉकेट को पहनकर मैदान में थे उतरे

Tokyo Olympics: सुमित के बड़े भाई जय सिंह का कहना है कि 6 महीने पहले ही उनकी मां की मौत हो गई थी। उनकी मां का सपना था कि सुमित ओलंपिक में खेल कर देश और उनका नाम रोशन करें। वहीं जो लॉकेट जिसमें उनकी मां की तस्वीर है वो उन्होंने अपनी मां के झुमके से बनवाया है।

नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में गुरुवार को भारत के लिए एक और अच्छी खबर आई है। भारत की पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल के अंतराल के बाद ओलंपिक पदक जीतने का गौरव हासिल किया है। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के लिए हुए रोमांचक मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराया। जर्मनी को मात देने वाली टीम का सोनीपत के रहने वाले सुमित भी हिस्सा थे। टीम की जीत के बाद से ही सुमित के परिवार और गांव में जश्न का माहौल है। बता दें, 6 महीने पहले ही सुमित का मां का देहांत हुआ था। ओलंपिक में जिस लोकेट को पहनकर वो देश के लिए मेडल लेकर आए उसे सुमित ने अपनी मां के झुमके तुड़वा कर बनवाया था। उस लोकेट में सुमित ने मां की तस्वीर भी लगवाई थी जिसे पहनकर वो देश के लिए मेडल लाने मैदान में उतरे।

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भारतीय हॉकी टीम में शामिल सुमित के परिवार की बात करें तो टीम में बतौर मिडफील्डर खेल रहे सोनीपत के रहने वाले सुमित के परिवार में तीन भाई, पिता और एक भाभी के साथ तीन भतीजे भतीजी है। 7 साल की उम्र से ही सुमित ने हॉकी खेला शुरू कर दिया था और ओलंपिक खेलने के सपने तक उन्होंने अपने जीवन में कई संघर्ष किए। सुमित के पिता प्रताप सिंह मुरथल के होटलों में मजदूरी का काम करते थे तो वहीं तीनों भाई सुमित, अमित और जयसिंह अपने पिता का बोझ कम करने के लिए उनके साथ होटलों में मजदूरी करता थे। सुमित को दोस्तों का भी सहयोग मिला। दोस्तों के सहयोग से भी आज उनकी मौजूदगी में टीम में जर्मनी को हराते हुए कांस्य पदक जीता है।

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मां का सपना, सुमित ओलंपिक खेले

सुमित के बड़े भाई जय सिंह का कहना है कि 6 महीने पहले ही उनकी मां की मौत हो गई थी। उनकी मां का सपना था कि सुमित ओलंपिक में खेल कर देश और उनका नाम रोशन करें। वहीं जो लॉकेट जिसमें उनकी मां की तस्वीर है वो उन्होंने अपनी मां के झुमके से बनवाया है। ओलंपिक में जाने से पहले सुमित ने ये कहा था कि अब उसकी मां उसके साथ है वो इस बार मेडल लेकर ही आएगा।

बता दें कि भारत ने अंतिम बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। कांस्य पदक की बात की जाए तो भारत ने 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में नीदरलैंड्स को हराकर यह पदक जीता था। टोक्यो में भारत का यह चौथा पदक है। वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) समेत कई दिग्गजों ने भारत की पुरुष हॉकी टीम को ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर बधाई दी हैं।