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एस्कॉन मंदिर पर हमला, लूट ले गए मंदिर की कीमती वस्तुएं, जानें पूरा मामला  

वहीं, ध्यान देने वाली बात यह है कि बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।  इससे पहले नवरात्रि के मौके पर भी एस्कॉन मंदिर पर हमला किया गया था।

नई दिल्ली।  बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर शुरू हुए हमले का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बेशक बांग्लादेश सरकार की तरफ से अल्पसंख्यक हिंदुओं के हितों व सुरक्षा की दिशा में असंख्य कदम उठाए जाने की बातें कही जाती हो, लेकिन धरातल की तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं। ताजा मामला फिर से बांग्लादेश से सामने आया है, जहां पर हिंदुओं के मंदिर एस्कॉन पर हमला किया गया है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, हाजी शफीउल्लाह के नेतृत्व में 200 से अधिक लोगों ने ढाका के वारी में 222 लाल मोहन साहा स्ट्रीट पर इस्कॉन राधाकांत मंदिर पर हमला किया, तोड़फोड़ की और लूटपाट की। इस हमले में कई हिंदू लोग जख्मी हो गए।

गंभीर चिंता का विषय

इसके साथ ही ढाका के इस्कॉन राधाकांत मंदिर पर हमले पर इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि उऩ्होंने बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यक हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करने की  दिशा में कदम उठाए जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं की आस्था पर प्रहार किया जा रहा है। अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। लिहाजा इसे संज्ञान में लेकर इस पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। उधर, बांग्लादेश पुलिस उक्त मामले को संज्ञान में लेकर बदमाशों पर नकेल कसने में कामयाब रही, लेकिन वर्तमान में सभी बदमाशों पर को चिन्हित करने की कवायद जारी है, ताकि इन सभी बदमाशों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर उसे जमीन पर उतारने की दिशा में कार्य किया जा सकें।

वहीं, ध्यान देने वाली बात यह है कि बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।  इससे पहले नवरात्रि के मौके पर भी एस्कॉन मंदिर पर हमला किया गया था। उस वक्त भी बांग्लादेश सरकार की तरफ से बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने के दावे किए गए थे। लेकिन हालिया मामला देखकर लगता है कि उस वक्त की कई कार्रवाई महज पुलिसिया जुबानी तक सीमित रही थी, चूंकि अगर उस वक्त कार्रवाई को जींवत करने की दिशा में कार्य किए जाते तो शायद आज हमें आपके बीच हिंदुओं की आस्था पर हुए प्रहार की खबर ना साझा करनी होती।