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ड्रैगन के झूठ की खुली पोल, गलवान घाटी पर चीन की साजिशों का हुआ बड़ा खुलासा!

एक तरफ जहां चीन ने पीछे हटने का वादा किया था, लेकिन हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों ने एक बार फिर ड्रैगन की नापाक साजिशों का खुलासा कर दिया है। तस्वीरों से साफ हुआ है कि गलवान नदी के किनारे चीनी कैंप, जेसीबी मशीनें और चीनी सेना की गाड़ियां अभी भी मौजूद हैं।

नई दिल्ली। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनाव बरकरार है। एक तरफ जहां चीन ने पीछे हटने का वादा किया था, लेकिन हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों ने एक बार फिर ड्रैगन की नापाक साजिशों का खुलासा कर दिया है। तस्वीरों से साफ हुआ है कि गलवान नदी के किनारे चीनी कैंप, जेसीबी मशीनें और चीनी सेना की गाड़ियां अभी भी मौजूद हैं। बता दें कि इससे पहले भी सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए चीन की नापाक करतूत का खुलासा हुआ था।

PM Modi and Jinping

28 जून की सैटेलाइट तस्वीर में चीनी सेना की गाड़ियां, जेसीबी मशीनें और कैंप अभी भी वहां मौजूद हैं, जबकि चीन ने इन्हें हटाने का वादा किया था। साफ है कि चीन आसानी से पीछे हटने को तैयार नहीं है। क्या यह चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की कोई नई चाल है?

गौरतलब है कि गलवान वैली में 15 जून की रात चीन ने जो विश्वासघात किया उसका भारत के वीर सैनिकों ने तो मुंहतोड़ जवाब दे दिया। हालांकि इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।

भारत की सख्ती से बौखलाया चीन

इससे पहले भी सेटेलाइट तस्वीरों ने चीन की पोल खोल दी थी। मोदी सरकार की सख्ती के आगे घबराए चीन ने सेना की हलचल देपसांग सेक्टर में बढ़ा दी। बताया जा रहा है कि चीन के सैनिक यहां घुसपैठ की कोशिश में हैं। यहां वो सेना की तैनाती बढ़ा रहा है। देपसांग से 21 किलोमीटर दूर बड़ी संख्या में सेना तैनात की है। यहां कैम्पों में सैन्य गाड़ियां और तोप भी पहुंचने लगी हैं। इस तरह चीन ने भारत के खिलाफ नया मोर्चा खोल दिया है। इस क्षेत्र में 2013 में दोनों पक्षों के बीच लंबा तनाव देखा जा चुका है। वहीं भारत ने भी भारतीय सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई है।

Indian -China Army

वहीं, भारत भी चीन को कड़ा जवाब देने के लिए तैयार है। इसी के साथ भारत ने अपने सबसे अच्छे टी-90 टैंकों को लद्दाख में तैनात कर दिए है। खबरों के मुताबिक चीन ने अपनी सीमा में टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों, तोपों और सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने भी अपने सबसे भरोसेमंद हथियार को लद्दाख के मोर्चे पर पहुंचा दिए है। भारत-चीन के बीच लद्दाख में शुरू हुए सीमा विवाद को अब दो महीने होने वाले हैं।

Indian China LAC

बता दें कि लद्दाख के खुले मैदान टैंकों के लिए बहुत अच्छा मौका देते हैं। यहां पूर्वी लद्दाख के स्पांगुर गैप से होकर सीधे चीन के अंदर जा सकते हैं। इसके अलावा डेमचौक इलाके में जिसे इंडल वैली कहते हैं उसके पांच महत्वपूर्ण पासों की सुरक्षा का जिम्मा भी ये टैंक संभाल सकते हैं। दोनों ही इलाकों में खुले हुए मैदान हैं जहां टैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।