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भारत-चीन सीमा विवाद के बीच चीनी रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह को भेजी ये “रिक्वेस्ट?”

गौरतलब है कि ये खबर ऐसे समय में सामने आई है कि जब LAC पर भारत-चीन (India-China Dispute) के बीच तनाव बरकरार है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने पैंगोंग विवाद (Pangong dispute) पर चीन (China) को कहा कि LAC पर तनाव के लिए चीन जिम्मेदार है।

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच जारी तनाव को देखते हुए दोनों देशों की सेनाएं लद्दाख सीमा पर आमने-सामने खड़ी हैं। दोनों देशों ने सीमा पर अपने टैंक भी खड़े कर दिए हैं। इस बीच मॉस्को में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान चीन के रक्षा मंत्री वे फेंग ने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह से मिलने की इच्छा जताई है।

Rajnath Singh BRO Project

बता दें कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच ऐसा समझा जाता है कि चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगही ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अहम बैठक से इतर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की इच्छा जताई है। इस संबंध में जानकारी रखने वालों ने यह जानकारी गुरुवार को दी। जानकारी के अनुसार चीनी पक्ष ने भारतीय मिशन को दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच एक बैठक की अपनी इच्छा से अवगत कराया है। हालांकि इसके बारे में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

Wang Yi

बता दें, ये खबर ऐसे समय में सामने आई है कि जब LAC पर भारत-चीन (India-China Dispute) के बीच तनाव बरकरार है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने पैंगोंग विवाद (Pangong dispute) पर चीन (China) को कहा कि LAC पर तनाव के लिए चीन जिम्मेदार है। चीन तनाव कम करने के मुद्दे पर विचार करना चाहिए। इसे लेकर सैन्य और राजनायिक स्तर पर वार्ता जारी है।चीन सीमा से पीछे हटने पर भी गंभीरता से विचार करे।

वहीं सीमा विवाद को लेकर विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध पर कहा कि जिम्मेदाराना तरीके से स्थिति को संभाला जाना चाहिए। यह स्पष्ट है कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखे हैं वे प्रत्यक्ष रूप से चीनी पक्ष की गतिविधियों का नतीजा हैं। चीन की गतिविधियों का मकसद यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करना है।

India china LAC border

हालांकि दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर बैठकों का दौर जारी है और विदेश मंत्रालय ने चीन के साथ सीमा विवाद पर कहा कि आगे भी बातचीत जारी रहेगी, भारत संवाद के जरिये सभी मुद्दों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम पुरजोर तरीके से चीन से आग्रह करते हैं कि वह पूरी तरह पीछे हटकर सीमा पर तेजी से शांति बहाली के लिए गंभीरता से भारतीय पक्ष का साथ दे।