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भारत के बाद इस देश ने भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर रोक के लिए WHO को कहा ‘ना’

स्पैनिश हेल्थ वॉचडॉग AEMPS ने कहा कि लैंसेट द्वारा प्रकाशित पेपर इतना पर्याप्त नहीं था जिसके आधार पर स्पेन के अस्पतालों में दवा का परीक्षण बंद किया जा सके।

नई दिल्ली। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गेम चेंजर बता चुके हैं, उसको लेकर दावा किया गया कि इस दवा से कोरोना के मरीजों में मौत की संभावना बढ़ सकती है। इसको देखते हुए एहतियात के तौर पर इसके क्लीनिकल ट्रायल पर विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की तरफ से अस्थायी तौर पर रोक लगा दी थी।

Hydroxicloro

इसके रोक लगाने के बाद फ्रांस, इटली और बेल्जियम सहित कई यूरोपीय देशों ने सुरक्षा चिंताओं के कारण हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल को रोक दिया। फिलहाल अब भारत के बाद स्पेन ने भी WHO की रोक को ना कह दिया है। स्पेन का कहना है कि उन्हें COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) के इस्तेमाल को रोक देने का कोई कारण नहीं दिखता है।

Spain Health

स्पैनिश हेल्थ वॉचडॉग AEMPS ने कहा कि लैंसेट द्वारा प्रकाशित पेपर इतना पर्याप्त नहीं था जिसके आधार पर स्पेन के अस्पतालों में दवा का परीक्षण बंद किया जा सके। हालांकि यूरोपीय सरकारों ने इस दवा के ट्रायल को ना कह दिया है। इसके अलावा जर्मनी द लैंसेट की स्टडी और WHO के फैसले पर विचार तो कर रहा है लेकिन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर उसने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।

वहीं अमेरिका के फूड एंड ड्रग विभाग ने डॉक्टरों को COVID-19 मरीजों पर आपातकालीन स्थिति में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग की अनुमति तो दी है, लेकिन उन्हें इससे इलाज करने की मंजूरी नहीं दी है।