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पाक में चुन-चुनकर हिंदुओं के घर ध्वस्त किए जा रहे, भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब किया

20 मई, 2020 इस बारे में कोर्ट से आदेश भी मिल गया। यह आदेश ऐसे किसी भी ध्वस्तीकरण को रोकने के लिए था। इसके बावजूद हिंदुओं के 25 घरों को पूरी तरह और 10 अन्य को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया और बच्चों समेत उनके कब्जेदारों को निराश्रित कर दिया।’

नई दिल्ली। पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ अत्याचारों का सिलसिला जारी है। ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के घरों को ध्वस्त कर दिया गया। यह टारगेटेड तरीके से किया गया। भारत ने मंगलवार को नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त के समक्ष कड़ी आपत्ति व्यक्त की।पाकिस्तान में सरकारी अधिकारी भी हिंदुओं के अत्याचार में जुटे हुए हैं। सरकारी अधिकारी अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को लगातार निशाना बना रहे हैं। पाकिस्तान में हिंदुओं के घरों को ध्वस्त कर दिया गया जबकि कब्जेदारों ने स्वामित्व और ध्वस्तीकरण के खिलाफ मिली कानूनी राहत के वैध दस्तावेज दिखाए थे।

Imran Khan

भारत ने दर्ज कराया विरोध

इस बीच भारत ने पाकिस्‍तानी उच्‍चायोग के समक्ष इस बारे में आपत्ति दर्ज कराई है। भारत ने इस बारे में अपनी चिंताओं से पाकिस्‍तान को अवगत करा दिया है। सूत्रों के अनुसार, भारत की ओर से पाकिस्‍तानी उच्‍चायोग से कहा गया है कि पाकिस्‍तान की सरकार पर इस पर कार्रवाई करे और वहां रह रहे अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा, उनके अधिकारों व उनकी स्‍वतंत्रता को समुचित सम्‍मान व संरक्षण दे।

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वहीं पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने पाया कि यजमन (बहावलपुर जिला) में स्थानीय अधिकारी हिंदू समुदाय के घरों को ध्वस्त करने के लिए जिम्मेदार थे। यह ध्वस्तीकरण इस तथ्य के बावजूद किया गया कि हिंदू समुदाय ने (धमकी मिलने के बाद ऐसी कार्रवाई की आशंका से) कई मौकों पर बहावलपुर के वरिष्ठ सिविल जज के समक्ष ऐसी किसी कार्रवाई को रोकने के लिए आदेश जारी करने की मांग संबंधी याचिका दाखिल की थी।

20 मई, 2020 इस बारे में कोर्ट से आदेश भी मिल गया। यह आदेश ऐसे किसी भी ध्वस्तीकरण को रोकने के लिए था। इसके बावजूद हिंदुओं के 25 घरों को पूरी तरह और 10 अन्य को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया गया और बच्चों समेत उनके कब्जेदारों को निराश्रित कर दिया।’

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इस बीच पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय के दो भाइयों के धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। सत्तार युसूफ मसीह और वारिस युसूफ मसीह नाम के दोनों भाइयों ने शनिवार को इस्लाम धर्म कुबूल किया। धर्म परिवर्तन के बाद इनका नाम अब्दुल वारिस और अब्दुल सत्तार रखा गया है।