लाहौर। पाकिस्तान में कानून पर भीड़ हमेशा हावी रहती है। भीड़तंत्र के हाथ कानून को कुचला जाता है। जिसका ताजा नजारा ननकाना साहिब में मिला है। यहां एक युवक पर ईशनिंदा का आरोप लगा था। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। फिर भी कट्टरपंथी नहीं माने। धर्म के नाम पर हैवानियत दिखाते हुए भीड़ लेकर वे थाने पर चढ़ आए। ईशनिंदा के आरोपी युवक को घसीटकर हवालात से निकाला और सड़क पर लाकर उसकी पीट-पीटकर जान ले ली। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद ननकाना साहिब सर्कल के डीएसपी नवाज वारक और वारबर्टन थाने के प्रमुख फिरोज भट्टी को सस्पेंड किया गया है। वीडियो में दिख रहा है कि किस तरह उग्र भीड़ के सामने पाकिस्तान पुलिस के जवान और अफसर भीगी बिल्ली बन गए।
Total madness!!! An angry mob attacked the police station in Nankana Sahib. Reportedly an accused of blasphemy was killed and body burnt by the mob. Apparently police was unable to control the situation. pic.twitter.com/1kdNGFmqro
— Shiraz Hassan (@ShirazHassan) February 11, 2023
भीड़ के हाथ जान गंवाने वाले युवक का नाम वारिस ईसा था। वो दो साल जेल में रहकर आया था। वारिस पर आरोप लगाया गया था कि वो अपनी पत्नी की तस्वीर कुरान पर चिपकाता है। इससे कुरान का अपमान हुआ है। पुलिस ने वारिस को गिरफ्तार कर वारबर्टन थाने के हवालात में रखा था। यहां भीड़ इकट्ठा हुई और पुलिस से वारिस ईसा को सौंपने की मांग की। फिर भीड़ ने दरवाजा तोड़ दिया और थाने में घुसकर वारिस को सड़क पर लोग खींच लाए। यहां लाठी-डंडों से उसे जमकर पीटा। जिससे वारिस में दम तोड़ दिया।
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। जिसके बाद दो पुलिस अफसरों को सस्पेंड किया गया। वारिस ईसा की पीट-पीटकर हत्या करने के किसी भी आरोपी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। बता दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपियों की पहले भी पीटकर हत्या होती रही है। दिसंबर 2021 में श्रीलंका के नागरिक पीरियंता कुमारा की सियालकोट में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीटकर हत्या की थी। इस घटना से पाकिस्तान और श्रीलंका के रिश्ते खराब हो गए थे।