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Pak Selling Property: खराब माली हालत से पाकिस्तान की दुर्दशा, अमेरिका में दूतावास की बिल्डिंग बेचने का दिया विज्ञापन

अफसर ने अखबार को बताया है कि पाकिस्तानी दूतावास की इस कीमती बिल्डिंग को बेचने के लिए अमेरिका के अखबारों में विज्ञापन भी दिया गया है। कई बोलियां मिली हैं, लेकिन प्रक्रिया का पालन करने के लिए इनको देखा जा रहा है। पाकिस्तान दूतावास ने इस मामले में जमीन का मूल्यांकन करने वाले से परामर्श लिया है।

वॉशिंगटन। पाकिस्तान बातें तो बड़ी-बड़ी करता है, लेकिन आमदनी अठन्नी और खर्चा उसका रुपैया से ज्यादा हो रहा है। कंगाल पाकिस्तान अब तक सऊदी अरब, यूएई और चीन से कर्ज लेकर काम चला रहा था, लेकिन अब कर्ज मिलने में भी मुश्किल हो रही है। नतीजे में पाकिस्तान अब विदेश में अपनी संपत्तियां बेच रहा है। अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में पाकिस्तान अपनी कीमती राजनयिक संपत्ति बेच रहा है। वॉशिंगटन के आर. स्ट्रीट पर पाकिस्तान अपने दूतावास के रक्षा खंड की इमारत को बेचने की तैयारी में है। पाकिस्तान के डॉन अखबार ने एक अफसर के हवाले से ये जानकारी दी है।

old pakistan embassy in us

इस अफसर ने अखबार को बताया है कि पाकिस्तानी दूतावास की इस कीमती बिल्डिंग को बेचने के लिए अमेरिका के अखबारों में विज्ञापन भी दिया गया है। कई बोलियां भी मिली हैं, लेकिन प्रक्रिया का पालन करने के लिए इन सभी को देखा जा रहा है। पाकिस्तान के दूतावास ने इस मामले में जमीन का मूल्यांकन करने वाले से परामर्श भी लिया है। पाकिस्तान जानना चाह रहा है कि बिल्डिंग को मौजूदा हालत में बेच दिया जाए, या उसको बेहतर बनाकर बेचने से ज्यादा पैसा मिलेगा। डॉन अखबार को पाकिस्तान के दूतावास से जानकारी मिली है कि सौदे में जल्दबाजी कर देश को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। वॉशिंगटन में पाकिस्तान का अभी जो दूतावास है, वो साल 2000 में बना है। पुराना दूतावास अमेरिकी राजधानी के केंद्र मैसाच्युसेट्स एवेन्यू पर है।

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इसी पुराने दूतावास की बिल्डिंग को बेचने की तैयारी पाकिस्तान की सरकार ने की है। वहीं, इस पुराने दूतावास के रेनोवेशन की जांच की मांग भी हो रही है। रेनोवेशन पर पाकिस्तान सरकार ने 70 लाख डॉलर खर्च किए थे, लेकिन रेनोवेशन कई जगह नहीं हुआ। इस खर्च को लेकर इसी वजह से सवाल उठे। वहां के स्थानीय निवासी इमारत को गिराने की मांग भी कर रहे हैं। एक पूर्व राजदूत के हवाले से डॉन ने बताया है कि पाकिस्तान के दो राजदूत शेरी रहमान और जलील अब्बास जिलानी पुराने दूतावास को बेचना चाहते थे, लेकिन मीडिया में खबर आने के बाद जब हंगामा मचा, तो वे पीछे हट गए।