नई दिल्ली। कोरोनावायरस के खतरे से निजात दिलाने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अच्छी खबर दी है। ट्रंप का कहना है कि, कोरोना जैसी महामारी में कारगर साबित होने वाली वैक्सीन अप्रूवल दिए जाने से पहले अंतिम चरण है। इसके अलावा कल ही अमेरिकी कंपनी मॉडेर्ना ने घोषणा की थी कि उसने सोमवार को अपनी वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के अंतिम चरण की शुरुआत कर दी है।
बता दें कि अमेरिका की मॉडेर्ना कंपनी द्वारा विकसित की जा रही कोरोना की वैक्सीन अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका ने रिकॉर्ड समय में कोरोना की वैक्सीन के पहले दो चरण पूरे करते हुए तीसरे चरण में प्रवेश कर लिया है।
अमेरिका ने भी मॉडेर्ना की ओर से बनाई जा रही वैक्सीन में अपना निवेश बढ़ाकर एक बिलियन डॉलर यानि कि 74 अरब रुपये, लगभग पहले से दोगुना कर दिया है। मॉडेर्ना बायोटेक्नोलॉजी ने बताया कि अमेरिकी सरकार 35 अरब खर्च करने जा रही है। मॉडेर्ना ने बताया कि सरकार की ओर से एलान की गई राशि से संतुष्टि है, इससे 30,000 मरीजों के क्लिनिकल ट्रायल करने में मदद मिलेगी। मॉडेर्ना के शुरुआती ट्रायल में वैक्सीने ने कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाई थी।
सोमवार को शुरू होने वाले वैक्सीन के ट्रायल में 30,000 मरीजों में से आधे मरीज को 100 माइक्रोग्राम वैक्सीन की डोज मिलेगी जबकि बाकी मरीजों को प्लेसबो दी जाएगी। अमेरिका में अब तक कोरोना वायरस से 1,46,000 लोगों की मौत हो चुकी है, और रोजाना बढ़ने वाले मामलों में तेजी आ रही है।
अमेरिका ने वैक्सीन को बनाने में बड़ा निवेश करने का एलान किया है ताकि अगले महीने की शुरुआत में लाखों अमेरिकी लोगों को वैक्सीन मिल सके। बुधवार को अमेरिकी-जर्मन कंपनी बायोएनटेक फार्मास्युटिकल ने बताया कि अमेरिका ने 1.95 बिलियन डॉलर देने का एलान किया है।