नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की विदायी तय मानी जा रही है। आज पाकिस्तानी संसद में इमरान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। ऐसी स्थिति में यह देखना बेहद दिलचस्प रहेगा कि इमरान अपनी वजीर-ए-आजम की कुर्सी बचा पाने में सफल रहते हैं की नहीं। लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होने से पहले सोशल मीडिया पर दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। उस वीडियो का हवाला देकर लोग इमरान को हिदायत देने में मशगूल हो गए हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तानी आवाम खुद अपने वजीर-ए-आजम को दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपी का वो भाषण सुनने की हिदायत दे रहे हैं, जो कि अभी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। चलिए, आगे जानते हैं कि आखिर उस वीडियो में अटल बिहारी वाजेपयी ने ऐसा क्या कहा था कि पाकिस्तानी अपने वजीर-ए-आजम को उसे सुनने की हिदायत दे रहे हैं।
देखिए अटल बिहारी वाजपेयी का वीडियो
Can I also give example of India? @ImranKhanPTI https://t.co/cQiTOdbpkn
— Hamid Mir (@HamidMirPAK) April 9, 2022
तो आपको बताते चलें कि अटल बिहारी वाजपेयी का यह भाषण जो आपने अभी सुना है, वह 31 मई 1996 का है। उस वक्त वाजपेयी की पार्टी बहमुत से महज 1 वोट से ही चुनाव में जीत दर्ज करने से चूक गई थी। उस वक्त उन्होंने कहा था कि आखिर हमारा क्या कसूर है कि हमें कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। यह हमें जनादेश मिला है। यह हमारी मेहनत का नतीजा है। हमने इस नतीजे को पाने के लिए कड़ी मेहनत की है। हम विगत 40 वर्षों से निस्वार्थ भाव से देश की सेवा कर रहे हैं। यह उसी का प्रतिफल है। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र है। सरकार आती-जाती रहेगी। यही तो लोकतंत्र का कायदा है। लेकिन हम जीवनपर्यंत निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करते रहेंगे। यह कहते हुए उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र सौंप दिया था। बता दें कि उनके द्वारा दिया गया उक्त कथन हमेशा-हमेशा के लिए इतिहास की इबारतों में दर्ज हो चुका है। कई मौकों पर आधुनिक युग के राजनेता उनके इस बयान का हवाला देते हैं। अब ऐसी स्थिति में जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने की जद्दोजहद में मसरूफ हैं, तो पाकिस्तानी आवाम अपने वजीर-ए-आजम को उसी वीडियो का हलावा देकर उन्हें हिदायत दे रहे हैं कि लोकतंत्र में सरकार आती है जाती है, लेकिन देश यथावत बना रहता है। लोकतंत्र यथावत बना रहता है। चलिए, अब विदा लेने से पहले यह भी जान लेते हैं कि आखिर मौजूदा वक्त में पाकिस्तान में इमरान को लेकर सियासी माहौल है।
पाकिस्तान का सियासी माहौल
ध्यान रहे कि पाकिस्तान में 342 सदस्यीय हैं और किसी भी दल को अपनी सरकार बनाने के लिए 172 सीटों की दरकार होती है। तो इस लिहाज से देखे इमरान खान अपना बहुमत लगभग-लगभग खो ही चुके हैं। वहीं बीत दिनों मुख्तलिफ मसलों का हवाला देकर उनके खिलाफ विपक्षी दलों की तरफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर आज शाम वोटिंग होनी है। ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हुई है कि आखिर इमरान अपनी वजीर-ए-आजम को कुर्सी बचा पाने में कामयाब हो पाते हैं की नहीं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।