नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार (Minorities) के मामले थम नहीं रहे हैं। अब कराची (Karachi) में मंदिर तोड़े जाने की खबर सामने आई है। यहां आजादी से पहले बने एक हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) को तोड़ दिया गया। इतना ही नहीं मंदिर के आसपास 20 हिंदू परिवारों (Hindu families) के मकान भी गिरा दिए गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिल्डर यहां कॉलोनी बना रहा है। स्थानीय प्रशासन की मदद कर रहा है। हंगामा सिर्फ यही खत्म नहीं हुआ मंदिर से मूर्तियां भी गायब कर दी गई हैं। इतना ही नहीं इमरान सरकार ने एक बार फिर अल्पसंख्यकों के अत्याचार पर चुप्पी साध ली है। बताया जा रहा है कि मंदिर सोमवार पात तोड़ा गया था और जानकारी शुक्रवार को सामने आई।
मंदिर के पुजारी का आरोप है कि करीब 6 महीने पहले कराची के बाहरी इलाके लायरी की जमीन एक बिल्डर ने खरीदी। वो यहां कॉलोनी बनाना चाहता है। इस क्षेत्र में 20 हिंदू परिवार भी रहते हैं। पास ही एक प्राचीन हनुमान मंदिर भी है। महामारी के चलते इसे कुछ महीने पहले बंद कर दिया गया था।
दिखावे के लिए पहुंची पुलिस
घटना की जानकारी मिलने पर हिंदू परिवार जमा हो गए। इसी दौरान पुलिस वहां पहुंचीं। उसने पूरा एरिया सील कर दिया। मंदिर मलबे में तब्दील हो चुका था। कमिश्नर अब्दुल करीम मेमन ने कहा- मामले की जांच की जा रही है। खास बात यह है कि क्षेत्र में रहने वाली बलोच कम्युनिटी भी मंदिर तोड़े जाने का विरोध कर रही है। बलोच नेता इरशाद बलोच ने कहा- हम बहुत दुखी हैं। बचपन से इस मंदिर को देख रहे थे। यह हमारी विरासत का प्रतीक था।
हमें भारत भेज दो
इस इलाके में हिंदुओं के 150 परिवार रहते हैं। इन लोगों ने मंदिर गिराए जाने का विरोध किया है। हिंदुओं ने सरकार से भारत का टिकट की व्यवस्था कराने की भी मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इमरान सरकार नहीं चाहती कि हम यहां रहें तो हम भारत चले जाएंगे।