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Terror: आतंकवाद से फिर जुड़े पाकिस्तान के तार, FBI ने इमरान खान के मुल्क की कलई खोली

आफिया सिद्दीकी आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से पहले वैज्ञानिक भी रह चुकी है।अमेरिका के ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी और मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में वो पढ़ी है। अमेरिकी अफसरों की उस पर नजर 11 सितंबर के हमलों के बाद पड़ी। आफिया को अल-कायदा का बड़ा मेंबर बताया था।

टेक्सास। अमेरिका के टेक्सास में यहूदी पूजास्थल यानी साइनेगॉग में 3 लोगों को बंधक बनाने वाला आतंकवादी पाकिस्तानी मूल का था। ये खुलासा अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI ने किया है। बंधक बनाने वाले की पहचान एफबीआई ने 44 साल के मलिक फैजल अकरम के तौर पर की है। वो पाकिस्तानी मूल का ब्रिटिश नागरिक था। फैजल ने टेक्सास के यहूदी पूजास्थल पर बंदूक के दम पर 4 लोगों को बंधक बना लिया था। बाद में पुलिस से बातचीत के बाद उसने एक बंधक को छोड़ दिया था। बाकी बंधकों को रिहा करने के लिए उसने अमेरिका में सजायाफ्ता पाकिस्तानी वैज्ञानिक आफिया सिद्दीकी को रिहा करने की मांग रखी थी। बंधकों को वरना मार डालने की धमकी भी फैजल ने दी थी। इसके बाद एफबीआई और स्वॉट टीम ने कार्रवाई करते हुए उसे मार गिराया था।

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अब आपको बताते हैं कि आफिया सिद्दीकी आखिर है कौन। आफिया पाकिस्तानी है। उस पर अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैन्य अफसरों की हत्या की साजिश और जानलेवा हमले करने के आरोप साबित हुए थे। इसके बाद आफिया को 86 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक आफिया सिद्दीकी आतंकी संगठन अल-कायदा की सदस्य है। अल-कायदा के चीफ रहे ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सैनिकों ने पाकिस्तान में घुसकर मारा था। ओसामा वहां छिपकर रह रहा था। एबटाबाद में उसने घर बना लिया था। जो पाकिस्तानी सेना के जोनल मुख्यालय के काफी करीब था।

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आफिया सिद्दीकी आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से पहले वैज्ञानिक भी रह चुकी है। वो न्यूरो साइंटिस्ट है। अमेरिका के ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी और मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में वो पढ़ी है। अमेरिकी अफसरों की उस पर नजर 11 सितंबर के हमलों के बाद पड़ी। एफबीआई और न्याय विभाग ने साल 2004 में आफिया को अल-कायदा का बड़ा मेंबर और आतंकी हमलों का सूत्रधार बताया था। उन्होंने तब ये कहा था कि और भी आतंकी हमले होने वाले हैं और आफिया इन हमलों के बारे में सबकुछ जानती है। इसके बाद ही उसे गिरफ्तार कर अमेरिका लाया गया। जहां न्यूयॉर्क के मैनहटन की एक अदालत ने उसे लंबी सजा सुनाई थी। बता दें कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान और बाकी हुक्मरान और सेना ये कहती है कि आतंकवाद से उनका मुल्क ही झुलस रहा है, लेकिन फैजल जैसे आतंकी हर बार साबित कर देते हैं कि आतंकवाद को पाकिस्तान की शह मिली हुई है।