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Vivek Ramaswamy Supports Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति पद के दावेदार विवेक रामास्वामी ने लिया ट्रंप का पक्ष, वीडियो जारी कर किया ये एलान

विवेक ने ट्रंप को प्राथमिक वोटिंग से हटाने के फैसले को गलत बताया है। विवेक का कहना है कि ऐसी पैंतरेबाजी का नतीजा अमेरिका के लिए बहुत घातक होगा। अगर ट्रंप को चुनाव लड़ने की अनुमति न मिली, तो वो भी इसका हिस्सा नहीं बनने वाले।

वॉशिंगटन। अमेरिका के कोलोराडो के सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी संसद परिसर में हिंसा के मामले में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को वोट डालने और राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराया है। कोर्ट के इस फैसले को डोनाल्ड ट्रंप के वकील अब अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इस बीच, ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के एक और दावेदार विवेक रामास्वामी ने ट्रंप का पक्ष लिया है। भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की मंजूरी नहीं दी, तो वो खुद भई कोलोराडो में होने वाले चुनाव से पीछे हट जाएंगे। विवेक रामास्वामी ने कहा है कि जीओपी प्राइमरी बैलेट से नाम वापस लेने का संकल्प ले रहे हैं। उन्होंने अन्य प्रत्याशियों से भी अपील की है कि अगर ट्रंप को चुनाव नहीं लड़ने दिया, तो वे भी कोलोराडो में चुनाव से पीछे हट जाएं।

विवेक रामास्वामी ने वीडियो संदेश जारी कर ये बात कही है। विवेक ने ट्रंप को प्राथमिक वोटिंग से हटाने के फैसले को गलत बताया है। विवेक का कहना है कि ऐसी पैंतरेबाजी का नतीजा अमेरिका के लिए बहुत घातक होगा। अगर ट्रंप को चुनाव लड़ने की अनुमति न मिली, तो वो भी इसका हिस्सा नहीं बनने वाले। अमेरिका के इतिहास में पहली बार कोर्ट ने संविधान के 14वें संशोधन की धारा 3 के तहत ट्रंप को अयोग्य ठहराया है। कोलोराडो के कोर्ट ने 4-3 के बहुमत से ट्रंप के खिलाफ फैसला सुनाया है। खास बात ये है कि कोर्ट की जिस बेंच ने ट्रंप के खिलाफ फैसला दिया, उसमें शामिल सभी जजों को डेमोक्रेटिक पार्टी के गवर्नरों ने नियुक्त किया था। इसी वजह से कोर्ट के फैसले पर सवाल उठ रहा है।

donald trump

इससे पहले कोलोराडो की निचली अदालत ने अपने फैसले  में कहा था कि अमेरिकी संसद में हुई हिंसा को ट्रंप ने भड़काया था, लेकिन उनको राष्ट्रपति पद के चुनाव में हिस्सा लेने से रोका नहीं जा सकता। अमेरिकी संसद परिसर में हिंसा की घटना 6 जनवरी 2021 को हुई थी। उस तारीख को अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव का नतीजा आया था और बाइडेन जीत गए थे। ट्रंप ने उस नतीजे को मानने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद ट्रंप के समर्थकों ने संसद पहुंचकर हिंसा की थी। उस हिंसा में 5 लोग मारे गए थे।