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Hariyali Teej 2021: 11 अगस्त को मनाई जाएगी हरियाली तीज, जानिए किस तरह करें भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा

Hariyali Teej 2021: मान्यता है कि सावन के महीने में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व होता है। वहीं हरियाली तीज का त्योहार भी इसी महीने पड़ता है, जिसका बेहद खास महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था।

नई दिल्ली। सावन के महीने में कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं। शिव-शंकर के प्रिय इस महीने की शुरुआत से ही व्रत और त्योहार शुरू हो जाते हैं। वहीं महीने के आखिरी दिन भी रक्षाबंधन का त्योहार पड़ता है। सावन को पूजा-पाठ और व्रत के लिए सर्वश्रेष्ठ महीना माना गया है। इस महीने भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि सावन के महीने में पड़ने वाले व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व होता है। वहीं हरियाली तीज का त्योहार भी इसी महीने पड़ता है, जिसका बेहद खास महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान शंकर और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था।

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क्या है हरियाली तीज का महत्व

यूं तो हरियाली तीज का व्रत सुहागिनों के लिए बेहद खास होता है। इस दिन भगवान शिव और माता गौरी की पूजा होती है। मां गौरी को श्रृंगार का सामान अर्पित किया जाता है जिसके बाद हरियाली तीज की व्रत कथा का सुनी जाती है। तीज को हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वजह से इसे श्रावणी तीज के नाम भी जाना जाता है। कहते हैं कि हरियाली तीज का व्रत बेहद शुभकारी और फलदायक होता है।

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इस तरह करें हरियाली तीज की पूजा

हरियाली तीज के दिन सभी सुहागन स्त्रियां स्नान आदि करके मायके से आए हुए कपड़े पहनती हैं। जिसके बाद पूजा के शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती के साथ भगवान शिव और श्री गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है। जिसके बाद मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सभी सामग्री जैसे साड़ी, अक्षत्, धूप, दीप, गंधक आदि अर्पित की जाती है। वहीं भगवान शिव जी को भांग, धतूरा, अक्षत्, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंधक, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाए जाते हैं। जिसके बाद श्री गणेश जी की पूजा करते हुए हरियाली तीज की कथा सुनी जाती है। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करके पूजा संपन्न की जाती है।