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Amit Shah In Jammu : गृहमंत्री अमित शाह ने क्यों कहा, कश्मीर में पैर रखते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं के खड़े हो जाते हैं रोंगटे? जानिए इस बात के मायने

Amit Shah In Jammu : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 10 साल की सरकार में अगर किसी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वो हैं जम्मू-कश्मीर के लोग। कश्मीर में आज युवाओं के हाथों में पत्थर की जगह लैपटॉप है।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में एनडीए को 400 पार सीटे जिताने के लिए बीजेपी नेताओं द्वारा देशभर में रैलियों का दौर जारी है। इसी क्रम में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू के पलौड़ा पहुंचे जहां उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने जनसंघ के संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी याद किया। डा. मुखर्जी का जिक्र करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने नारा दिया था, एक देश में ‘2 विधान 2 प्रधान और 2 निशान नहीं चलेंगे।’ आज धारा 370 खत्म होने के बाद हम ये नारा गर्व से बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता जब जम्मू कश्मीर आता है तो कश्मीर में पैर रखते ही ये यादकर उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि हमारी पार्टी के पहले अध्यक्ष डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने यहीं बलिदान दिया था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 10 साल की सरकार में अगर किसी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वो हैं जम्मू-कश्मीर के लोग। शाह बोले, एक समय था जब कश्मीर में पत्थरबाजी होती थी, बम धमाके होते थे और अनुच्छेद 370 का मनहूस साया जम्मू-कश्मीर पर मंडरा रहा था, लेकिन आज केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दृढ़ संकल्प से इसे खत्म कर दिया है। आज कश्मीर के युवाओं के हाथों में पत्थरों की जगह लैपटॉप हैं। यह आज का भारत है।

शाह ने कहा कि फारूख अब्दुल्ला कहते थे मोदी जी कितनी बार भी सत्ता में क्यों न आ जाएं, जम्मू कश्मीर से धारा 370 नहीं हटा सकते, लेकिन मोदी जी ने अपने दूसरे ही कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर के लोगों को इससे मुक्ति दिला दी। महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री बोले, पीडीपी प्रमुख ने कहा था कि अगर जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया तो तिरंगे को कंधा देने के लिए कोई नहीं बचेगा। अमित शाह बोले, उनको यह नहीं पता, हमारा तिरंगा अमर है और हमेशा रहेगा। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद भी तिरंगे की आन-बान और शान बरकरार है।