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Mahavikas Aghadi Alliance Seat Sharing : महाराष्ट्र में विपक्ष के महाविकास अघाड़ी गठबंधन के बीच सीट बंटवारे पर लगी मुहर, देखिए किसके हिस्से में आई कितनी सीटें…

Mahavikas Aghadi Alliance Seat Sharing : सांगली और भिवंडी सीट को लेकर पिछले कई दिनों से पेंच फंसा हुआ था। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस अपनी दावेदारी कर रही थी। सांगली सीट जहां शिवसेना (यूबीटी) के खाते में गई है, वहीं भिवंडी सीट एनसीपी (शरद पवार गुट) के हिस्से में आई है।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र में विपक्ष के महाविकास अघाड़ी महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है। सीट-बंटवारे की घोषणा शरद पवार, उद्धव ठाकरे और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की उपस्थिति में प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से की गई। सीट बंटवारे को लेकर जो फाइनल निर्णय लिया गया उसके मुताबिक शिवसेना (यूबीटी) 21 सीटों पर, कांग्रेस 17 और एनसीपी (एसपी) 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में मतदान होंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि हमने बड़ा मन करके सीट शेयरिंग की घोषणा की है। उन्होंने कहा हमें मिलकर भ्रष्टाचारी सरकार को हटाना है। उन्होंने विश्वास जताया कि सांगली और भिंवडी में हमारे कार्यकर्ता शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के लिए जरूर काम करेंगे। आपको बता दें कि सांगली और भिवंडी सीट को लेकर पिछले कई दिनों से पेंच फंसा हुआ था। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस अपनी दावेदारी कर रही थी, मगर आज सीट बंटवारे के बाद ये फाइनल कि इनमें से एक भी सीट कांग्रेस के हिस्से में नहीं आई। सांगली सीट जहां शिवसेना (यूबीटी) के खाते में गई है, वहीं भिवंडी सीट एनसीपी (शरद पवार गुट) के हिस्से में आई है।

कांग्रेस नेता नाना पटोले ने वोटरों से गुजारिश करते हुए कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि इन दोनों सीटों पर कांग्रेस का वोट शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार गुट) के प्रत्याशियों को जाएगा। पिछले काफी दिनों से महाराष्ट्र के विपक्षी महाविकास अघाड़ी महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे को लेकर एक राय नहीं बन पा रही थी। सीट बंटवारे से नाराज कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने उद्धव ठाकरे की पार्टी के खिलाफ खुलकर बयानबाजी की। जिसके बाद कांग्रेस ने संजय निरूपम को पार्टी से निष्कासित कर दिया। हालांकि इस संबंध में संजय निरूपम का कहना है कि मैं तो खुद ही पार्टी छोड़ने का ऐलान कर चुका था, ऐसे में पार्टी से निष्कासित किए जाने का कोई मतलब नहीं है।