नई दिल्ली। आदिपुरुष (#Adipurush) फिल्म को अब बड़े स्टार पर बैन करने की मांग उठ गई है। इस फिल्म के मेकर्स से ये मांग की गई है कि या तो इस फिल्म के किरदारों और उनकी वेशभूषा को बदला जाए या फिर इस फिल्म को रिलीज़ नहीं होने दिया जाएगा। फिल्म को बैन (Ban Adipurush) करने की मांग सिर्फ एक जगह से नहीं बल्कि कई राज्यों से निकली है। इस फिल्म को कई राज्यों की तरफ से विरोध चल रहा है। संत सामाज भी इस फिल्म को लेकर विरोध कर रहा है तो वहीं देश के बड़े बड़े राजनीतिज्ञ भी फिल्म से नाराज़ हैं। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) भी इस फिल्म से नाराज़ हैं। नाराजगी की वजह है कि इस फिल्म में रावण के किरदार और उसकी वेशभूषा को बेहद गलत रूप में टीज़र में प्रस्तुत किया है। इसके अलावा अब आदिपुरुष फिल्म के टीज़र पर मुंबई के मशहूर Exhibitor, और सबसे चर्चित सिनेमाघर, मराठा मंदिर (Maratha Mandir) और गेइटी गैलेक्सी (Gaety Galaxy) के मालिक मनोज देसाई (#ManojDesai) जी का भी गुस्सा फूट पड़ा है। जहां उन्होंने इस फिल्म के मेकर्स से सवाल किये हैं वहीं उन्होंने कुछ ऐसी बातें भी की हैं जो आपका दिल छू लेंगी। यहां हम इसी बारे में विस्तार से बात करेंगे।
आदिपुरुष (Adipurush) फिल्म का बड़ा बेसब्री से इंतजार हो रहा था और मेकर्स ने भी फिल्म के टीज़र को काफी तैयारी के साथ अयोध्या (Ayodhya) में रिलीज़ किया। लेकिन रिलीज़ के बाद इस टीज़र ने मेकर्स को निराशा के अलावा कुछ नहीं दिया। ट्विटर (Twitter0 और सोशल मीडिया साइट्स पर टीज़र को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। तमाम तरफ से फिल्म को बैन करने और आपत्तिजनक सीन को हटाने की मांग उठ गई और फिल्म को बॉयकॉट (#BoycottAdipurush) करने का हैशटैग भी चलने लगा। ट्विटर पर बॉयकॉट आदिपुरुष (Boycot Adipurush) ने अपनी जगह बना ली। इसी सिलसिले में अब मनोज देसाई जी ने भी टीज़र पर आपत्ति जताई है। मनोज देसाई ने कहा है –
” खासकर हिन्दू लोगों के लिए जो रावण का वेशभूषा है वो बहुत गलत तरीके से दिखाया गया है। क्योंकि राम मर्यादा पुरषोत्तम राम थे और रावण जी प्रखर ज्ञानी थे। उनसे बड़ा कोई ब्राह्मण नहीं था। उनमें 10 सिर की बुद्धि थी। बस क्योंकि उसने मां सीता का अपमान किया था इसलिए उसे अपनी जान गंवानी पड़ी। लेकिन इस आदिपुरुष के टीज़र में रावण की वेशभूषा कुछ समझ में नहीं आई। वो लम्बी मुगलों वाली दाढ़ी रावण के नहीं थी। रावण के पास उड़ता हुआ जहाज था। बहुत सी चीज़ें टीज़र में ऐसी हैं जो हिन्दुओं के लिए अपमानजनक है ऐसे में आजकल लोगों का गुस्सा तो हैशटैग बनकर निकलता ही है। इतिहास, इतिहास होता है राम को मर्यादा पुरषोत्तम कहा जाता था ऐसे में अगर हमारे इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है जिससे लोग नाराज़ होते हैं।”
मनोज देसाई ने आगे बताया कि हिन्दू लोग लगभग रोज रामायण (Ramayan) और भगवगीता (BhagvatGeeta) का पाठ करते हैं। मैं खुद अपनी सिनेमाघरों में रामायण और भगवतगीता को रखता हूं और पढ़ता हूं क्योंकि चाहे कुछ भी हो अंत में तो हमें भगवान के पास ही जाना है। उन्होंने कहा कि कोई भी अगर ऐतिहासिक फिल्म बनाई है तो आपको बहुत गहराई में जाकर रिसर्च करना होता है। इसके अलावा जब ऐसी फिल्म बनानी चाहिए तो सोचनी चाहिए कि आखिर ये रावण, मुगल जैसा क्यों दिख रहा है। एक हिन्दू चरित्र जो प्रकांड पंडित था वो मुगल क्यों दिख रहा है।
आगे मनोज देसाई ने भले ही इस फिल्म के टीज़र पर साफ़ तौर पर ज्यादा कुछ न कहा हो लेकिन वो भी फिल्म के टीज़र और वेशभूषा को लेकर ज्यादा खुश नज़र नहीं आ रहे हैं।