नई दिल्ली। तवांग में भारत के वीर जवानों के हाथ अपने सैनिकों की जमकर पिटाई के बाद चीन अब बैकफुट पर जाता दिख रहा है। चीन का एक नजरदारी जहाज बीते कुछ दिन से हिंद महासागर इलाके में आ गया था। तवांग की घटना के बाद चीन की नौसेना का ये जहाज वापस लौट गया है। चीन की नौसेना का नजरदारी और जासूसी करने वाला जहाज ‘यांग-वांग 5’ तवांग में हुए संघर्ष से कुछ दिन पहले ही हिंद महासागर में दाखिल हुआ था। ऐसा ही एक और जहाज चीन के पास है। जो कुछ दिन पहले श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर आया था। तब भी भारत ने श्रीलंका से विरोध जताया था। अब यांग-वांग 5 के आने पर भारतीय नौसेना इसपर निगाह रखे थी।
नौसेना के सूत्रों के मुताबिक रोज इस चीनी जासूसी जहाज को कई बार देखा जा रहा था। खास बात ये कि तवांग में चीन के सैनिकों के भारतीय वीर जवानों के हाथ मार खाने और भागने के बाद चीन का जासूसी जहाज भी हिंद महासागर से वापस अपने देश की ओर लौट गया। बता दें कि यांग-वांग जैसे जहाजों के जरिए चीन 750 किलोमीटर दूर तक के तमाम सिग्नल पकड़ सकता है। इस जहाज में बड़े-बड़े एंटीना लगे हुए हैं।
यांग-वांग जैसे जासूसी जहाज भारत के करीब आए बिना भी मिसाइल दागे जाने या सेना की आपस की खुफिया बातचीत को सुन सकता है। साथ ही ये भारतीय पनडुब्बियों पर भी नजर रख सकता है। चीन अपनी नौसेना के तमाम युद्धक जहाज भी पहले भारत के करीब से हिंद महासागर में दूर-दूर तक भेज चुका है। जिबूती में चीन ने अपनी नौसेना का बेस भी तैयार किया है। इस वजह से भारत को समुद्र से भी चीन के हमले की आशंका है। हालांकि, हमारी नौसेना भी तैयार है और पी-8 ओरियन विमानों और ड्रोन के जरिए हमेशा चौकसी बरतती रहती है।