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Dinesh Khatik: योगी के मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे पर अखिलेश और मायावती का आया रिएक्शन, जानिए क्या कहा..

Akhilesh and Mayawati Yadav on Dinesh Khatik: अखिलेश यादव ने बुधवार को दिनेश खटीक पर तंज कंसते हुए लिखा, ”जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है। कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।”

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक आज इस्तीफे देने के बाद से पूरे दिन सुर्खियों में छाए हुए है। दिनेश खटीक ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को भेजी है। इस चिट्ठी में उन्होंने आरोप लगाया है कि पूरे दलित समाज का अपमान हो रहा है। दिनेश खटीक ने ये भी कहा कि दलित होने की वजह से उनके सहयोगी भी उनसे सही से बर्ताव नहीं करते हैं। वहीं अब दिनेश खटीक के इस्तीफे के बाद अब राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्ष अब उनके इस्तीफे को लेकर भाजपा को घेरने में जुट गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा चीफ मायावती ने दिनेश खटीक की इस्तीफे पर बयान दिया है। अखिलेश यादव ने इस्तीफे की खबर को लेकर निशाना साधा है। वहीं मायावती ने तो योगी सरकार पर दलित की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।

अखिलेश का दिनेश खटीक पर तंज

अखिलेश यादव ने बुधवार को दिनेश खटीक पर तंज कंसते हुए लिखा, ”जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है। कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।”

इसके अलावा बसपा प्रमुख मायावती ने दिनेश खटीक के इस्तीफे पर अपनी राय रखते हुए कहा, ”उत्तर प्रदेश भाजपा मंत्रिमण्डल के भीतर भी दलित मंत्री की उपेक्षा अति-निन्दनीय व दुर्भाग्यपूर्ण। ऐसी खबरें राष्ट्रीय चर्चाओं में। सरकार अपनी जातिवादी मानसिकता व दलितों के प्रति उपेक्षा, तिरस्कार, शोषण व अन्याय को त्याग कर उनकी सुरक्षा व सम्मान का ध्यान रखने का दायित्व जरूर निभाए।”

बता दें कि दिनेश खटीक ने अमित शाह को भेजे इस्तीफे में पत्र में नामामि गंगे जैसे महत्वाकांक्षी योजना में भी भ्रष्टाचार की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने उपसचिव का जिक्र कर कहा कि वे बिना मेरी बात को सुने फोन काट दिया करते हैं और जिस तरह का व्यवहार मेरे साथ किया जाता है, वह निंदनीय है, मैं कई बार इसकी शिकायत कर चुका हूं, लेकिन आज तक मेरी शिकायतों पर संज्ञान लेकर उसका निराकरण करना जरूरी नहीं समझा गया है।