नई दिल्ली। ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने चुनौती देने वाले मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश की गई सभी पांच याचिकाएं खारिज कर दीं। यह फैसला जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने सुनाया। मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के 1991 के मामले को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया।
ज्ञानवापी मामले को लेकर उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई पर वकील विजय शंकर रस्तोगी ने बताया, “मुस्लिम पक्ष की तरफ से जो याचिकाएं दाखिल की गई थी उन्हें खारिज कर दिया गया…उच्च न्यायालय ने निचली अदालत को 6 महीने के अंदर मामले में अंतिम फैसला सुनाने को कहा है…वजूखाने का सर्वे भी होगा…”
#WATCH ज्ञानवापी मामले को लेकर उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई पर वकील विजय शंकर रस्तोगी ने बताया, “मुस्लिम पक्ष की तरफ से जो याचिकाएं दाखिल की गई थी उन्हें खारिज कर दिया गया…उच्च न्यायालय ने निचली अदालत को 6 महीने के अंदर मामले में अंतिम फैसला सुनाने को कहा है…वजूखाने का सर्वे… pic.twitter.com/QicnMlbUkc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2023
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच स्वामित्व को लेकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिकाएं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दीं।
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इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा, “यह फैसला ऐतिहासिक फैसला है क्योंकि सभी पक्षों को यह कहा गया है कि मामले को 6 महीने में निस्तारित किया जाए और याचिकाओं को खारिज किया है… अगर एक पक्ष पीड़ित है तो उसके लिए ऊपर की अदालत खुली है।”
#WATCH इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा, “यह फैसला ऐतिहासिक फैसला है क्योंकि सभी पक्षों को यह कहा गया है कि मामले को 6 महीने में निस्तारित किया जाए और याचिकाओं को खारिज किया है… अगर एक पक्ष पीड़ित है तो उसके लिए ऊपर की अदालत खुली है।” https://t.co/n32comYUHH pic.twitter.com/EpgsWkuUpJ
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