Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र में सियासी बवाल के बीच बड़ा खुलासा!, उद्धव ठाकरे ने सरकार बचाने के लिए फडणवीस से की थी बात

Maharashtra Crisis: अमित शाह ने कहा था कि ऐसा कोई वादा उद्धव से उन्होंने कभी नहीं किया। बीजेपी से अलगाव के बाद देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी के नेता और मौजूदा सरकार में डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली थी, लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई और उद्धव सीएम बने थे।

Avatar Written by: June 28, 2022 12:15 pm
uddhav thackeray and devendra fadnavis

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद से राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे है। सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी खतरे में पड़ गई हैं। महाअघाड़ी सरकार बचाने के लिए  उद्धव ठाकरे ने एड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है। लेकिन उनकी हर एक प्रयास विफल साबित हो रहे है। इतना ही नहीं महाराष्ट्र में जारी उठापठक अब सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दे चुका है। गुवाहाटी पहुंचे बागी विधायकों की अयोग्यता को लेकर डिप्टी स्पीकर की ओर से दिए गए नोटिस पर 12 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है। वहीं अब महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने कवायद तेज कर दी है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा शिंदे गुट के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। इसी बीच महाराष्ट्र में सियासी बवाल के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, एबीपी न्यूज का दावा है कि 21 जून को उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस से सरकार बचाने के लिए बात की। देवेंद्र फडणवीस ने उनसे कहा कि इस बारे में उद्धव को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से बात करनी होगी।

eknath shinde and uddhav thakrey

चैनल का दावा है कि उद्धव ने बीजेपी नेतृत्व से बात करने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। बता दें कि बागी एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों ने भी मांग की थी कि उद्धव ठाकरे एनसीपी और कांग्रेस से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ दोबारा सरकार बनाएं। खास बात ये है कि साल 2019 में शिवसेना और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन सीएम के पद को लेकर दोनों के बीच अलगाव हो गया था। उद्धव ठाकरे ने दावा किया था कि बीजेपी के नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद पर बात हुई थी, लेकिन बीजेपी इससे मुकर गई।

वहीं, अमित शाह ने कहा था कि ऐसा कोई वादा उद्धव से उन्होंने कभी नहीं किया। बीजेपी से अलगाव के बाद देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी के नेता और मौजूदा सरकार में डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली थी, लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई और उद्धव सीएम बने थे।

Devendra And Ajit

अब बागी नेताओं का दावा है कि एनसीपी और कांग्रेस से शिवसेना को तगड़ा नुकसान हो रहा है और उद्धव अपने सहयोगी दलों के विधायकों की ही हर मांग पूरी करते हैं। वहीं, उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने कल कहा था कि गुवाहाटी में बैठे विधायक बागी नहीं, बल्कि भगोड़े हैं। उन्होंने कहा था कि अगर उन विधायकों में हिम्मत हो, तो मुंबई लौटकर उनसे आंख मिलाकर बात करें। वहीं, आज शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपना सुर पलटते हुए कहा है कि गुवाहाटी में बैठे विधायकों में सभी बागी नहीं हैं।

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