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Delhi: बीजेपी ने खोली केजरीवाल सरकार की ‘पोल’, तो तिलमिलाये AAP नेता ने प्रेस कांफ्रेस कर लगाई आरोपों की झड़ी

वहीं, संबित पात्रा द्वारा किए गए वार के बाद आम आदमी पार्टी की तरफ से संजय सिंह का बयान सामने आया है ।उन्होंने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि जब से सीएम केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार की पोल खोली है, तब बीजेपी के तमाम नेता बौखला गए हैं।

नई दिल्ली। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर चुनावी मौसम में रेवड़ियां बांटने को लेकर जमकर निशाना साधा है। प्रेसवार्ता में उन्होंने ‘जनकल्याणकारी योजना’ और ‘चुनावी रेवड़ियों’ के बीच के फर्क को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजना लोगों के विकास के लिए लाई जाती है, जो समाज के कमजोर तबके को संबल बनाने की दिशा में काम करते हैं, लेकिन चुनावी रेवडियां चुनावी मौसम में जनता को रिझाने हेतु वोट पाने के ध्येय से बांटी जाती है। संबित पात्रा ने अरविंद केजरीवाल द्वारा योजनाओं के विज्ञापन पर करोड़ों रुपए खर्च करने को लेकर भी जमकर निशाना साधा है। बता दें कि अभी हाल ही में सूचना के अधिकार के जरिए दिल्ली सरकार के संदर्भ में खुलासा हुआ है कि उन्होंने उच्च शिक्षा कौशल विकास गारंटी योजना के विज्ञापन पर 19 करोड़ रूपए खर्च किए हैं, लेकिन इस योजना के जरिए सिर्फ चंद लोगों को फायदा पहुंचा है, जिसे लेकर आज प्रेस वार्ता कर संबित पात्रा ने दिल्ली सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार आम जनता के वजूद को ही खत्म करना चाहती है। इन्हें आम जनता से कोई सरोकार नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार सिर्फ और सिर्फ अपनी ही महत्वाकांक्षा को पूरा करना चाह रहे हैं, इसलिए प्रतिदिन झूठ बोलते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि विज्ञापन करने के मामले में सीएम केजरीवाल से आगे कोई भी नहीं है। उन्होंने विज्ञापन करने में नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है। सच्चाई यह है कि इन्हें आम जनता से कोई सरोकार नहीं है। साल 2015 में शिक्षा मंत्री व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उपरोक्त योजना से लेकर आए थे, ताकि गरीब तबके के बच्चों को 10वीं और 12वीं करने के बाद उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकें। इस योजना के तहत 10 लाख रुपए आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया गया है, लेकिन इस योजना की सच्चाई यह है कि इसके जरिए महज कुछ ही लोगों को फायदा पहुंचा है, जिसे लेकर अभी  केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा जा रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक, साल 2021-22 में 89 छात्रों ने इस योजना के तहत आवेदन दिया। इनमें से दो छात्रों को लोन दिया। विज्ञापन पर इस सरकार ने 19 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च कर दिए। दो छात्रों को 20 लाख रुपए का लोन दिया और विज्ञापन इतनी बड़ी राशि खर्च की। भाजपा नेता ने कहा कि चुनाव जैसे ही नजदीक आता है केजरीवाल झूठ बोलने लगते हैं।

वहीं, संबित पात्रा द्वारा किए गए वार के बाद आम आदमी पार्टी की तरफ से संजय सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि जब से सीएम केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार की पोल खोली है, तब से बीजेपी के तमाम नेता बौखला गए हैं। संजय सिंह ने आगे कहा कि आज की तारीख में आम आदमी पार्टी का बीजेपी से महज एक ही सवाल है कि आपने अपने उद्योगपति मित्रों के 11 लाख करोड़ रुपए का कर्जा माफ कर दिया है, लेकिन आम आदमी की दैनिक जरूरतों की वस्तुओं के करों में इजाफा कर दिया। यहां तक की कैंसर जैसी बीमारियों की दवाइयों पर टैक्स की दरों में इजाफा कर दिया है। संजय सिंह ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आप लोग उद्योगपति मित्रों का लाख करोड़ रूपए का कर्ज माफ कर देते हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी को महंगाई के तले दबा देते हैं। यही कुछ सवाल थे, जो अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार से पूछे थे, लेकिन मोदी सरकार और उनके नेता अब सीएम केजरीवाल को लेकर कह रहे हैं कि तुम लोगों को मुफ्त की रेवड़ी दी जाती है।

ध्यान रहे कि मुफ्त की रेवड़ी को लेकर बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उन सभी राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने की मांग की थी, जो चुनावी मौसम में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर जनता को रिझाने की कोशिश करते हैं, लेकिन कोर्ट ने ऐसा करने से मना कर दिया। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि ऐसा करना हमारे लिए आलोकतांत्रिक होगा। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनावी रेवड़ियों और जन कल्याणकारी योजनाओं के बीच फर्क को भी बताया था। बहरहाल, अभी इस पूरे मसले को लेकर कोर्ट में मसला विचाराधीन है। अब ऐसी स्थिति में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।