नई दिल्ली। शायद ऐसे ही लोगों की वजह से बुद्धजीवी कहा करते हैं कि हमारे समाज में कभी-भी समानता स्थापित नहीं हो सकती है। आजादी के बाद हमारे पुरखाओं ने समाज में समानता स्थापित करने के लिए एड़ी जोट लगा दिया, लेकिन आज जब हम पीछे मुड़कर कालांतर की स्थिति और वर्तमान की स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन करते हैं, तो कुछ खास परिवर्तन देखने को नहीं मिलता है। आज भी भेदभाव का दीमक हमारे समाज को खाता जा रहा है। ये दीमक हमारे समाज को खोखला बना रहा है। ये दीमक विकास की राह में अवरोध पैदा कर रहा है। इन्हीं अवरोधकों का समूल नाश करने के लिए हमारे संविधान प्रणेताओं ने क्या नहीं किया, लेकिन अफसोस कुछ लोगों ने हमारे संविधान प्रणेताओं की कोशिशों को नाकाम करने की कसम खा रखी है।
यूं तो ऐसे लोगों की जमात बहुत लंबी है, जिन सभी का इन छोटी-सी रिपोर्ट में जिक्र कर पाना मुश्किल है, लेकिन ऐसे ही लोगों की जमात में शामिल हैं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी। उन्होंने तो समझिए की हिंदू धर्म और ब्रह्मणों को गाली देने का अनुंबध किया हुआ है। ब्रह्मणों की गरियाने के प्रति उनके कड़ी मेहतन को देखकर ऐसा मालूम पड़ता है कि ब्रह्मणों को गरियाना उनका विशेष शगल है। अब एक बार फिर से वे अपनी इस शगल को लेकर विवादों में आ गए हैं। उन्होंने एक बार फिर से ब्रह्मणों को लेकर अभद्र टिप्पणी कर दी है। जिसे लेकर वो सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गए हैं। ऐसा कहना गलत होगा कि सभी लोग उनके बयानों के प्रति रोषपूर्ण प्रतिक्रिया ही जाहिर कर रहे हैं, बल्कि यह कहना अधिक उचित रहेगा कि सभी अपनी-अपनी स्थितियों और परिस्थितियों के हिसाब से उनके बयान पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं। हम आपको उन लोगों की सभी प्रतिक्रियाओं के बारे में सब कुछ बताएंगे लेकिन उससे पहले आइए हम आपको उनके बयान का एक वीडियो दिखाते हैं।
तो देखिए आप ये वीडियो
तो इस वीडियो में आपने देख ही लिया होगा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कितनी शिद्दत के साथ ब्रह्मणों को गरियाने में मशगूल हैं। ब्रह्मणों को हरामी और पता नहीं क्या-क्या कह रहे हैं और उनके पास मौजूदा लोग उनकी बातों का अपनी मुस्कुराहटों के साथ समर्थन कर रहे हैं, जो ये बताने के लिए काफी है कि इन लोगों के मन में किसी वर्ग विशेष के लिए कितनी घृणा भरी हुई है। अब हमें संभल जाने की आवश्यकता है अन्यथा यह स्थिति आगे चलकर विकराल रुख अख्तियार करने से गुरेज नहीं करेगी।
ब्राह्मणों पर मांझी का विवादित बयान
“आज कल हमारे गरीब तबके में धर्म की परायणता ज्यादा आ रही है. सत्य नारायण पूजा का नाम हम नहीं जानते थे लेकिन ‘साला’ अब हम लोगों के हर टोला में उनकी पूजा हो रही है. पंडित ‘हरामी’ आते हैं और कहते हैं कि हम खाएंगे नहीं, हमको नगद ही दे दीजिए”- मांझी pic.twitter.com/3dNdOhFMem
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) December 19, 2021
मांक्षी के बयान के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया