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Haryana : दिल्ली कूच कर रहे किसानों और नेताओं पर केस दर्ज, बैरिकेड तोड़ने और पुलिस से उलझने का आरोप

Haryana : कृषि बिल (New Farm law) के विरोध में किसान 26 से 28 नवंबर तक ‘दिल्ली मार्च’ (Delhi March) निकाल रहे हैं। शनिवार को तीसरे दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी है। इसी बीच हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दिल्ली कूच करने वाले किसानों और नेताओं के खिलाफ केस दर्ज (Case Filed) किया गया है।

नई दिल्ली। कृषि बिल (New Farm law) के विरोध में किसान 26 से 28 नवंबर तक ‘दिल्ली मार्च’ (Delhi March) निकाल रहे हैं। शनिवार को तीसरे दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी है। इसी बीच हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दिल्ली कूच करने वाले किसानों और नेताओं के खिलाफ केस दर्ज (Case Filed) किया गया है। पंजाब के किसानों के खिलाफ ट्यूकर बॉर्डर,कुरुक्षेत्र पेहवा और शाहाबाद में बैरिकेड तोड़ने पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च बुलाया है। सभी किसान हाल ही केंद्र सरकार द्वारा पास किये गए तीन नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।

haryana protest

कुरुक्षेत्र में किसानों पर केस दर्ज

इतना ही नहींं, 11 किसान नेता पुलिस से उलझने, बैरिकेड तोड़ने और हत्या के प्रयास में नामजद किए गए हैं। वहीं पेहवा में 6 किसान नेता नामजद किए गए हैं। नेशनल हाइवे पर त्योडा के पास बैरिकेडिंग तोड़ने, अधिकारियों पर गाड़ी चढ़ाने और रास्ता रोकने के आरोप में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी और प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस समेत पांच नेता नामजद किए गए हैं। असके अलावा पंजाब के बलबीर सिंह राजू समेत हजारों किसानों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 114, 147, 148, 149,186, 158, 332, 375, 307, 283 120 बी और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51बी और पीडीपी एक्ट की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान आंदोलन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि ये उनके राज्य के किसान नहीं है। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को पंजाब के किसानों ने खड़ा किया है, इस आंदोलन को किसानों की बजाए राजनीतिक दलों और संस्थाओं ने प्रायोजित किया है। हरियाणा के किसानों ने आंदोलन में भागीदारी नहीं की है।

वहीं, किसान आदोलन पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार किसानों की समस्याओं के लिए किसान यूनियन से बात करने के लिए पूरी तरह तैयार है। हमने उनको 3 दिसंबर का आमंत्रण भेजा है और मुझे आशा है कि वो सब लोग आएंगे और इस संवाद के माध्यम से रास्ता ढूढेंगे।

आप विधायक राघव चड्ढा बुराड़ी के निरंकारी मैदान में पहुंचे। जहां उन्होंने पत्रकार से बातचीत में कहा कि हम यहां पर किसानों की मेजबानी कर रहे हैं। यहां पर किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। किसान दिल्ली में जिस जगह भी बैठना चाहते हैं तो उनका वहीं पर दिल्ली सरकार स्वागत करेगी।

मेरठ में भारतीय किसान यूनियम के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों के मुद्दों को हल करने में नाकाम साबित हुई है। हम दिल्ली में प्रवेश करेंगे। वहीं, बताया जा रहा है कि किसान यूपी गेट पर जमा हो रहे हैं और फिर दिल्ली में दाखिल होंगे।

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए किसान पंजाब की अलग-अलग जगहों से दिल्ली की ओर बढ़ते हुए शंभू बॉर्डर पहुंचे। सरकार द्वारा बुराड़ी में प्रदर्शन करने की अनुमति पर एक किसान ने कहा,”हम दिल्ली का मेन हाईवे जाम कर,आवाजाही बंद करेंगे। जो हमारी कमेटी कहेगी वही करेंगे।”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि भाजपा सरकार में देश की व्यवस्था को देखिए, जब भाजपा के खरबपति मित्र दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन डाली जाती है। मगर किसानों के लिए दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं। दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक, मगर सरकार को अपनी बात सुनाने किसान दिल्ली आए तो वह गलत?

कोरोना के संक्रमण को देखते हुए नगर निगम के कार्यकर्ता ने प्रदर्शनकारी किसानों के ट्रैक्टरों को सैनिटाइज किया गया।

कृषि कानूनों के विरोध में बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में इकट्ठा हुए किसान प्रदर्शनकारी। दिल्ली पुलिस ने कल किसानों को ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी।

दिल्ली पुलिस के बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देने के बावजूद प्रदर्शनकारी किसान अभी भी सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर(दिल्ली-हरियाणा) पर विरोध प्रदर्शन करते किसान।

कृषि कानूनों के विरोध में टिकरी बॉर्डर पर जमा प्रदर्शनकारी किसान। बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है।

पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान फतेहगढ़ साहिब से दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं।