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समय रहते हुआ लॉकडाउन, नहीं तो अबतक 2 लाख के करीब होते कोरोना के केस : स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन और कन्टेनमेंट बहुत महत्वपूर्ण हैं।

नई दिल्ली। देशभर में लगातार बढ़ते कोरोनावायरस के मामलों पर स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्र सरकार नजर बनाए हुए हैं। किसी भी तरह से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं।

Health Ministry Press Conference

आईसीएमआर के मुताबिक मौजूदा वक्त में पूरे देश में  कोविड-19 संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 7,447 हो गए हैं। हालांकि, अगर समय रहते लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया गया होता तो देश में अब तक स्थिति बहुत खराब हो सकती थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन और कन्टेनमेंट बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि अगर हमने इस तरह के कदम नहीं उठाए होते तो आज देश में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या 2 लाख तक पहुंच चुकी होती।

Lav Agarwal, Joint Secy, Health Ministry

भारत ने कोरोना से निपटने के लिए एहतियातन बेहद महवपूर्ण कदम उठाए हैं जिनकी वजह से अबतक हम काफी हद तक कोरोना संक्रमण पर काबू पाने में कामयाब हुए हैं। अगर देश में लॉकडाउन लागू नहीं किया गया होता तो कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 41 प्रतिशत बढ़ जाते।

इस वजह से 15 तब अप्रैल तक देश में 8.2 लाख से ज्यादा केस तक पहुंच सकते थे। उन्होंने कहा – हमने कोरोना पर एक ग्रेडेड अप्रोच अपनाया है। इस वक्त पूरे देश में सिर्फ कोरोना वायरस से जुड़े मामलों के इलाज और मरीजों की देखभाल के के लिए 586 अस्पताल हैं। और देश में 1 लाख से ज्यादा आइसोलेशन बेड भी हमारे पास मौजूद हैं।’

आंकड़ों पर बात करते हुए जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने वताया कि भारत ने अब तेजी से कोरोना वायरस जांच की रफ्तार को भी बढ़ाया है। गुरुवार को जहां 16,002 टेस्ट किए गए थे, वहीं शुक्रवार को कुल 16,764 टेस्ट किए गए। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक देश में अब तक 1,71,718 सैंपलों की जांच की जा चुकी है। जांच के काम में 146 सरकारी और 67 प्राइवेट लैब भी पुरजोर तरीके से लगे हुए हैं।