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Rajasthan: अशोक गहलोत के भाग्य पर 24 दिसंबर के बाद हो सकता है फैसला, लेकिन कांग्रेस आलाकमान के सामने है ये पेच

सूत्रों के मुताबिक 24 दिसंबर के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गहलोत समर्थक और बागी तेवर दिखाने वाले शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर के बारे में अनुशासन समिति अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट पर खड़गे और सोनिया गांधी में चर्चा होने की पूरी संभावना है।

नई दिल्ली। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मची रार को खत्म कराने में कांग्रेस आलाकमान अब तक विफल रहा है। अब कांग्रेस आलाकमान के साथ मिलकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राजस्थान के इन दो बड़े नेताओं की रार को खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक राजस्थान पर 24 दिसंबर के बाद फैसला होने की उम्मीद है। 24 दिसंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अगले 10 दिन के लिए रुक जाएगी। यात्रा फिर 3 जनवरी को शुरू होगी। बताया जा रहा है कि इन्हीं 10 दिन में राजस्थान के बारे में खड़गे और सोनिया के बीच चर्चा के बाद फैसला कर लिया जाएगा।

Rahul Gandhi

राहुल गांधी अपनी यात्रा के दौरान बीते दिनों राजस्थान में थे। तब उन्होंने अशोक गहलोत और सचिन पायलट से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक राहुल को गहलोत और पायलट ने अपना पक्ष बताया है। राहुल ने हालांकि दोनों की बातों को सुनकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन 25 सितंबर को जयपुर में कांग्रेस आलाकमान के पर्यवेक्षकों से जो व्यवहार किया गया, सचिन पायलट उस मामले में कार्रवाई चाहते हैं। सचिन सार्वजनिक तौर पर भी इस बारे में कह चुके हैं। उन्होंने गहलोत के पक्ष में बागी तेवर दिखाने वाले नेताओं को कड़ा दंड देने की मांग उठा रखी है।

mallikarjun kharge

सूत्रों के मुताबिक 24 दिसंबर के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गहलोत समर्थक और बागी तेवर दिखाने वाले शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर के बारे में अनुशासन समिति अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट पर खड़गे और सोनिया गांधी में चर्चा होने की पूरी संभावना है। फिर हालात का आंतरिक जायजा लेकर खड़गे तय करेंगे कि गहलोत को राजस्थान का जिम्मा दिए रखा जाए, या सचिन पर दांव खेला जाए। मुश्किल इसमें ये है कि जिस तरह गहलोत के पक्ष में ज्यादातर विधायक 25 सितंबर को दिखे थे, वैसा ही हुआ तो राजस्थान कांग्रेस में कलह का विस्फोट हो सकता है। राज्य में समय से पहले चुनाव की नौबत भी आ सकती है। कांग्रेस आलाकमान और खड़गे ऐसी स्थिति आने नहीं देना चाहते और गहलोत-पायलट की जंग को हर हाल में थामना भी चाहते हैं।