लखनऊ। पिछले दिनों समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर बताया था कि यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें वो कांग्रेस को देंगे। अब कांग्रेस का कहना है कि ये तो पहले राउंड की बातचीत के बाद मिली सीटें हैं और आगे और सीटों के बंटवारे पर भी बातचीत होनी है। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने न्यूज चैनल आजतक से ये बात कही है। अजय राय ने कहा कि यूपी में कांग्रेस ने 2009 की उसकी सीटों के आधार पर सपा से इस बार लोकसभा सीटों की मांग की है। साल 2009 में कांग्रेस ने यूपी में 21 लोकसभा सीटें जीती थीं। साल 2019 में वो सिर्फ रायबरेली सीट ही जीत सकी थी और राहुल गांधी तक कांग्रेस के गढ़ अमेठी में बीजेपी की स्मृति इरानी से लोकसभा का चुनाव हार गए थे। अब देखना ये है कि अखिलेश यादव की तरफ से कांग्रेस को 21 सीटें दी जाती हैं या दोनों के बीच इस मसले पर टकराव की नौबत बनती है।
अखिलेश यादव ने पहले ही अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल यानी आरएलडी को 7 लोकसभा सीटें देने का एलान किया है। अगर कांग्रेस को 21 सीटें देनी पड़ीं, तो दोनों को कुल 28 लोकसभा सीटें देनी होंगी और फिर सपा के लिए यूपी में 52 सीटें ही रह जाएंगी। सवाल ये है कि सपा इतनी कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार होगी या नहीं? इस सवाल की सबसे बड़ी वजह ये है कि अखिलेश यादव पहले लगातार कहते रहे हैं कि सपा यूपी की सभी 80 सीटों पर जीत दर्ज करेगी। हालांकि, अखिलेश का ये बयान विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन में जाने से पहले तक रहा है। खास बात ये भी है कि अखिलेश यादव ने 11 लोकसभा सीटें कांग्रेस को देने का एलान करते वक्त ये नहीं कहा कि और सीटों के लिए भी सपा और कांग्रेस में बातचीत चल रही है।
सीटों के बंटवारे को लेकर ही इंडिया गठबंधन में कांग्रेस और दूसरे दलों के बीच दरार तक सामने आ चुकी है। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ये एलान कर चुकी हैं कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। पंजाब के सीएम और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता भगवंत मान भी बीते दिनों ये कह चुके हैं कि उनकी पार्टी राज्य में सभी 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीत हासिल करेगी। अब ऐसे में देखना ये है कि यूपी में कांग्रेस और सपा के बीच बात बनती है या दोनों दल यहां भी एक-दूसरे के सामने चुनावी मैदान में दिखते हैं।