नई दिल्ली। पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी पर एक और मुसीबत आ गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी की इनकम टैक्स संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में कांग्रेस की ओर से 105 करोड़ रुपये के बकाया टैक्स की वसूली के लिए इनकम टैक्स के नोटिस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद अब कांग्रेस को 105 करोड़ रुपये चुकाने पड़ेंगे। हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हमें दिए गए आदेशों में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट ने ITAT (इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल) के आदेश को बरकरार रखा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने हालांकि कांग्रेस पार्टी को ITAT में दोबारा अपनी दलील रखने की बात कही है।
Delhi High Court finds no ground to interfere in the ITAT order and disposes of Indian National Congress plea which sought a stay on the Income Tax notice for recovery of more than Rs 105 crore as outstanding tax.
The Court while upholding the ITAT order, granted liberty to the… pic.twitter.com/7NdtwTlfFJ
— ANI (@ANI) March 13, 2024
इससे पहले मंगलवार को जस्टिस यशवंत वर्मा और पुरुषेंद्र कुमार कौरव की कांग्रेस को फटकार लगाते हुए पूछा था कि क्या तीन साल तक क्या कर रहे थे। कोर्ट ने गौर किया कि कांग्रेस के खिलाफ यह कार्रवाई साल 2021 में शुरू हुई थी। कोर्ट ने कहा था कि इनकम टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेश में कोई खामी नहीं नजर आती है। फरवरी में आयकर विभाग ने 2018-19 के लिए 210 करोड़ रुपये के इनकम टैक्स की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी के चार मुख्य बैंक खाते जब्त किए थे। इसके बाद पार्टी ने आयकर विभाग की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था और कहा कि अगर उनके खाते फ्रीज कर दिए गए तो पार्टी बिल और वेतन का भुगतान नहीं कर पाएगी। कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने 21 फरवरी को आरोप लगाया कि मामले में सुनवाई और फैसला लंबित होने तक, आयकर विभाग ने बैंकों को कांग्रेस, भारतीय युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के अकाउंट से 65 करोड़ रुपये सरकार को ट्रांसफर करने का आदेश दिया।