लखनऊ। लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अपने प्रदेश के लोगों की कोरोनावायरस से सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। इसके साथ ही वो प्रवासी मजदूरों के लिए भी लगातार बड़े कदम उठा रहे हैं। कोरोना वायरस के चलते देश में जारी लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को मार्च के अंत में उनके घर वापस लाने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश पहला राज्य था।
लेकिन अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ऐसा न करने के लिए फोन किया है। अंग्रेजी अखबार द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब , कर्नाटक, हरियाणा और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने योगी आदित्यनाथ को फोन कर कहा है कि वह उत्तर प्रदेश के मजदूरों को वापस नहीं बुलाएं।
मंगलवार और बुधवार को सीएम योगी के पास आए इन टेलीफोन कॉल्स में कहा गया कि उन्हें अपने राज्य के मजदूरों को वापस ले जाने की आवश्यकता नहीं है, अब लॉकडाउन के नए नियमों के बीच उनका खयाल रखा जाएगा। ये मुख्यमंत्री श्रमिकों के जाने से इसलिए और भी परेशान हैं क्योंकि उनके चले जाने से लॉकडाउन के बाद उनके राज्यों में आर्थिक पुनरुद्धार में बाधा आएगी।
राज्य लोगों के लिए बढ़ा रहा रोजगार के अवसर
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि एक महीने से अधिक समय पहले, योगीजी ने कृषि उपज आयुक्त आलोक सिन्हा के साथ एक समिति बनाई और ग्रामीण विकास, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), श्रम और पंचायती राज विभागों से प्रतिनिधित्व किया।
एमएसएमई मंत्री के रूप में, मुझे यह भी बताया गया कि समिति का काम लौटने वालों को रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के तरीकों का पता लगाना था। हमें जो लक्ष्य दिया गया है, वह लगभग 15 लाख नौकरियों का है, अकेले मेरे विभाग के लिए पांच लाख नौकरियों का लक्ष्य है।