नई दिल्ली। जैसे-जैसे राम मंदिर निर्माण के संपन्न होने की घड़ी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे शासन-प्रशासन की दिल की धड़कनें भी तेज होती जा रही हैं। मंदिर निर्माण की तिथि नजदीक आते ही सभी अपनी सुरक्षात्मक मोर्चे पर अपनी तैयारियों को संबल देने में जुट गए हैं। हालांकि, राम मंदिर निर्माण के प्रारंभ से ही मंदिर परिसर के आसपास भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। तो वहीं मंदिर के 500 मीटर के दायरे में लाइसेंस धारियों से हथियारों को जमा कराने का आदेश दे दिया गया है। इसके अलावा हर गतिविधियों पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है। अब यहां की पूरी जिम्मेदारी सीआईएसएफ को सौंपने पर विचार किया जा रहा है। आपको बता दें कि आगामी 2024 में मकर संक्राति के मौके पर राम मंदिर में रामलला विराजमान होंगे।
बता दें कि इससे पूर्व राम मंदिर निर्माण से पूर्व स्थल का अवलोकन ही सीआईएसएफ द्वारा ही किया गया था और अब एक बार फिर से इसकी सुरक्षा का दायित्व सीईआईएसएफ को सौंपने की मांग उठ रही है। उधर, राम मंदिर के निर्माण के संदर्भ में प्रतिदिन बैठकों का सिलसिला जारी है। समिति के सूत्रों की मानें तो अतिशीघ्र ही मंदिर का निर्माण कार्य संपन्न हो जाएगा। इसके लिए आसपास के लोगों के साथ भी सुरक्षा व्यवस्था की गतिविधियों का जायजा लिया जा रहा है।
उधर, बैठक में शामिल मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि येलो जोन के लोंगो का पास पहले से ही निर्गत होता रहा है। अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहे और नागरिकों को कोई असुविधा ना हो, इसलिए अधिकारियों के साथ यहां के जनप्रतिनिधि और जनता के बीच संवाद हुआ है। उन लोगों से भी सुझाव मांगे गए हैं । बहरहाल, अब सभी उस पल का इंतजार है, जब राम मंदिर मूर्त रूप धारण कर चुका होगा। बहरहाल, बतौर पाठक आपका इस पूरे मसले पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम