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ED Summons Neville Roy Singham: न्यूजक्लिक मामले में ईडी ने अब नेविल रॉय सिंघम को भेजा पूछताछ का समन, चीन का प्रोपागेंडा चलाने के लिए फंडिंग का है आरोप

मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला न्यूजक्लिक पर बन रहा है। ऐसे में विदेश मंत्रालय के जरिए नेविल रॉय सिंघम को ईडी ने पूछताछ का नोटिस भेजा है। पिछले साल भी नेविल रॉय सिंघम को ईडी ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजने की कोशिश की थी, लेकिन चीन ने इसमें अड़ंगा लगा दिया था।

नई दिल्ली। चीन से पैसे लेकर भारत के खिलाफ खबरें छापने में न्यूजक्लिक वेबसाइट के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और उनकी कंपनी के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को इस साल अक्टूबर में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। दोनों पर कठोर यूएपीए कानून की धाराएं भी पुलिस ने लगाई हैं। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की भी एंट्री हो गई है। ईडी ने न्यूजक्लिक मामले में भारतीय मूल के शंघाई में रहने वाले अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम को पूछताछ के लिए समन भेजा है। अंग्रेजी अखबार द हिंदुस्तान टाइम्स ने अधिकारियों के हवाले से ये जानकारी दी है। अधिकारियों ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला न्यूजक्लिक पर बन रहा है। ऐसे में विदेश मंत्रालय के जरिए नेविल रॉय सिंघम को ईडी ने पूछताछ का नोटिस भेजा है। पिछले साल भी नेविल रॉय सिंघम को ईडी ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजने की कोशिश की थी, लेकिन चीन ने इसमें अड़ंगा लगा दिया था।

Neville Roy Singham pic
ईडी ने अब न्यूजक्लिक वेबसाइट के मामले में नेविल रॉय सिंघम को पूछताछ के लिए समन भेजा है।

दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक के संपादक और एचआर हेड को गिरफ्तार किया, लेकिन इस मामले में ईडी तीसरी ऐसी केंद्रीय जांच एजेंसी है, जिसने भी कदम उठाया है। इससे पहले सीबीआई ने न्यूजक्लिक के दफ्तर पर छापा मारा था। सीबीआई का ये छापा न्यूजक्लिक को कानून का उल्लंघन कर विदेशी मुद्रा मिलने के मामले में था। सीबीआई ने तभी नेविल रॉय सिंघम का नाम अपनी एफआईआर में दर्ज किया था। सीबीआई की एफआईआर में पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो, प्रबीर पुरकायस्थ और वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग के मैनेजर जैसन फेचर का भी नाम बतौर आरोपी है। न्यूजक्लिक पर आरोप है कि उसने बिना जानकारी वाले एक्सपोर्ट किए और एफसीआरए कानून का उल्लंघन कर 28.46 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा हासिल की। इसके अलावा नेविल रॉय सिंघम की तरफ से न्यूजक्लिक को विदेशी फंडिंग मिलने की जांच इनकम टैक्स विभाग भी कर रहा है। वहीं, न्यूजक्लिक ने लगातार इन आरोपों को गलत बताया है कि उसने चीन की सरकार या उससे जुड़े किसी व्यक्ति के कहने पर कोई खबर या जानकारी सार्वजनिक की। न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ ने नेविल रॉय सिंघम से कोई निर्देश लेने से भी साफ इनकार किया था और कहा था कि सभी फंड बैंक खातों में लिए गए और कानून के मुताबिक जरूरी प्रशासन को इस बारे में जानकारी भी दी गई।

Newsclick and prabir purakayastha
न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को दिल्ली पुलिस ने देश के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में पहले गिरफ्तार किया था।

दिल्ली पुलिस ने अपनी एफआईआर में कहा है कि न्यूजक्लिक के संपादक पुरकायस्थ ने पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म नाम की संस्था के साथ मिलकर 2019 के लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने की साजिश रची थी और चीन की मोबाइल निर्माता कंपनियां शाओमी और वीवो की शेल कंपनियों के जरिए विदेशी फंडिंग हासिल की। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि न्यूजक्लिक में भारत और विदेश की संस्थाओं ने करोड़ों का निवेश अवैध तरीके से किया और भारत की संप्रभुता और एकता को छिन्न-भिन्न करने की साजिश रची गई। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गौतम नवलखा और नेविल रॉय सिंघम का भी नाम एफआईआर में दर्ज किया है। गौतम नवलखा को कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जेल से घर में रखने को कहा था। नवलखा पर भी यूएपीए के तहत केस है। दिल्ली पुलिस की एफआईआर में प्रबीर पुरकायस्थ, नेविल रॉय सिंघम और चीन के कुछ कर्मचारियों के बीच ई-मेल के आदान-प्रदान की बात भी है। पुलिस ने कहा है कि ये लोग दिखा रहे थे कि अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं हैं। इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने तब कार्रवाई की, जब इस साल 5 अगस्त को न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर दी कि न्यूजक्लिक ऐसे वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा है, जिसे चीन अपने प्रोपागेंडा के लिए धन देता है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने ये दावा किया था कि सबूत हैं कि नेविल रॉय सिंघम के जरिए चीन की सरकार से न्यूजक्लिक को फंड दिया गया।