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J&K: ताजा पड़ताल में हुआ खुलासा, जम्मू में रोहिंग्या शरणार्थियों को बसाने के पीछे गहरी साजिश, इनसे जुड़े हैं तार!

Rohingya Jammu Kashmir: बता दें कि रोहिंग्या(Rohingya) शरणार्थियों को अब ऐसे इलाकों में भेजा जाएगा, जो सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील नहीं हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान(Pakistan) और यूएई(UAE) से हवाला फंडिंग के सहारे शरणार्थियों को लाकर बसाने में शामिल एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है।

नई दिल्ली। रोहिंग्या शरणार्थियों के जम्मू-कश्मीर में बसने को लेकर अब एक बड़ी जानकारी सामने आई है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या खुद से नहीं बसे बल्कि उन्हें एक साजिश के तहत दूसरी जगहों से लाकर बसाया गया है। इसको लेकर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने एक ताजा पड़ताल की है, जिसमें ये बात सामने आई है। बता दें कि रोहिंग्याओं को जम्मू बसाने के लिए कुछ एनजीओ का सहारा लिया गया था। इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि इन एनजीओ के तार पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं से जुड़े बताए जा रहे हैं। इस खुलासे के बाद से पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस की असली मानसिकता भी बाहर आने लगी है। इस साजिश की गंभीरता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इन एनजीओ को यूएई और पाकिस्तान से हवाला के मार्फत फंडिंग होने के सुबूत भी मिले हैं।

rohingya refugee
सांकेतिक

जम्मू प्रशासन में उच्च पदस्थ के सूत्रों मुताबिक जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या शरणार्थियों को लाकर बसाने में एक साफ पैटर्न देखा जा सकता है। अब तक इस कोशिश में 2513 रोहिंग्या परिवारों को लाकर बसाया जा चुका है। इसमें कुल 5 हजार 514 लोग हैं। जिन इलाकों में इन्हें बसाया गया है वे सभी जम्मू के इलाके हैं। बता दें कि इस वक्त कश्मीर घाटी में एक भी रोहिंग्या शरणार्थी नहीं है। जबकि इन्हें लाकर बसाने में लगे गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) घाटी से जुड़े हैं। इन्हें बसाने को लेकर इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि जिन इलाकों में इन्हें लाया जाय वो इलाके सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील स्थान हों। जो पिछले तीन दशक से अधिक समय से पाकिस्तान पोषित आतंकवाद से ग्रसित इलाके में सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है।

Mehbooba Mufti Umar Abdullah

इसको लेकर हुई पड़ताल में पता चला है कि जम्मू में बसाये गए अधिकांश रोहिंग्या शरणार्थियों को पश्चिम बंगाल के मालदा और आसपास के जिलों में शरणार्थी शिविरों से लाया गया। उन्हें लाते वक्त बताया कि जम्मू-कश्मीर में उनके रहने के साथ-साथ अन्य सुविधाओं का बेहतर ख्याल रखा जाएगा। एनजीओ के प्रतिनिधियों ने शरणार्थियों को जम्मू तक लाने की पूरी व्यवस्था भी की।

rohingya muslims

वहीं जांच में यह भी पता चला कि इन एनजीओ ने कई घरों को खरीद कर उन्हें रोहिंग्या शरणार्थियों को रहने के लिए दे दिया। सवाल उठता है कि आखिर इन NGO के पास इतने पैसे कहां से आए। ऐसे में खुलासा हुआ है कि इन एनजीओ के खातों में हवाला के मार्फत पाकिस्तान और यूएई से बड़ी मात्रा में फंडिंग हुई है। सूत्रों के अनुसार इस फंडिंग के पुख्ता सुबूत भी मिल गए हैं।

चूंकि इस साजिश का खुलासा हो चुका है, ऐसे में केंद्र शासित राज्य प्रशासन का भी इरादा इन्हें बाहर करने का नहीं है, बल्कि इन्हे शिफ्ट जरूर किया जाएगा। बता दें कि रोहिंग्या शरणार्थियों को अब ऐसे इलाकों में भेजा जाएगा, जो सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील नहीं हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान और यूएई से हवाला फंडिंग के सहारे शरणार्थियों को लाकर बसाने में शामिल एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है।