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Ganga Water: गंगाजल का नियमित इस्तेमाल करके 90% लोग कोरोना से हो रहे हैं सुरक्षित, अमेरिकी जर्नल का दावा

Ganga Water: गंगाजल(Gangajal) का इस्तेमाल करने वालों में पाया गया है कि अगर नियमित गंगा स्नान और गंगाजल का किसी न किसी रूप में सेवन हो रहा है तो 90 फीसदी लोगों पर कोरोना(Corona) संक्रमण का असर नहीं है।

नई दिल्ली। जहां एक तरफ दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन की तलाश में लगे हैं वहीं अब अमेरिका के इंटरनेशनल जर्नल ऑफ माइक्रोबायोलॉजी के अंक में प्रकाशित एक शोध में माना गया है कि गंगाजल के नियमित इस्तेमाल से लोग कोरोना से सुरक्षित हो रहे हैं। आपको बता दें कि इस शोध में कहा गया है कि, गंगा का पानी पीने वाले और गंगाजल में स्नान करने वाल लोगों पर कोरोना का खतरा काफी कम रहता है। दरअसल, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में आईएमएस (IMS) की टीम ने गंगा नदी के किनारे रहने वाले लोगों पर कोरोना के प्रभाव पर शोध किया है। गहन अध्ययन और रिसर्च के बाद टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि अगर गंगाजल का नियमित इस्तेमाल किया जाए तो लोगों पर कोरोना वायरस का प्रभाव 10 फीसदी ही है। जानकारी के मुताबिक, आईएमएस की टीम ने रविवार को पंचगंगा घाट पर 49 लोगों का सैंपल लिया था। इसकी बाद सभी की जांच की गई। जांच में पाया गया कि 48 लोग नेगेटिव और एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिला। इससे पहले टीम ने बुधवार को भदैनी, तुलसीघाट, हरिश्चंद्र घाट और चेतसिंह घाट पर 54 लोगों की सैंपलिंग की थी। तब सभी लोगों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।

ganga ghat

गंगाजल का इस्तेमाल करने वालों में पाया गया है कि अगर नियमित गंगा स्नान और गंगाजल का किसी न किसी रूप में सेवन हो रहा है तो 90 फीसदी लोगों पर कोरोना संक्रमण का असर नहीं है। इसके लिए बकायदा लोगों का सैंपल लिया गया था। बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रामेश्वर चौरसिया, न्यूरोलाजिस्ट प्रो. वीएन मिश्रा के नेतृत्व में काम कर रही टीम ने रिसर्च के बाद दावा किया है कि गंगाजल से स्नान करने वाले 90 फीसदी लोग कोरोना वायरस से सुरक्षित हैं। साथ ही यह भी कहा है कि गंगा किनारे बसे नगरों के लोग बाकी अन्य शहरों की तुलना में 50 फीसदी कम संक्रमित हैं। साथ ही संक्रमण के बाद जल्दी ठीक भी हो रहे हैं।

इसको लेकर प्रो. वीएन मिश्र का कहना है कि शोध के लिए गोमुख से लेकर गंगा सागर तक 100 स्थानों पर सैंपलिंग की गई थी। इसका प्रयोग कोरोना मरीजों की फेज थेरेपी के लिए हो सके इसके लिए गंगाजल का नेजल स्प्रे भी तैयार करा लिया गया है। इसकी डिटेल रिपोर्ट आईएमएस की इथिकल कमेटी को भेज दी गई है। वहीं प्रो. वी. भट्टाचार्या के चेयरमैनशिप वाली 12 सदस्यीय इथिकल कमेटी की सहमति मिलते ही ह्यूमन ट्रायल भी शुरू हो जाएगा. वीएन मिश्रा ने बताया कि कमेटी से सहमति के बाद 250 लोगों पर ट्रायल किया जाएगा। चयनित लोगों की नाक में गंगनानी से लाया गया गंगाजल और बाकी को प्लेन डिस्टिल वॉटर दिया जाएगा। इसके बाद परिणाम का अध्ययन कर रिपोर्ट इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर को भेजी जाएगी।