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GNCTD Bill: विपक्ष को तगड़ा झटका, लोकसभा में आज पास होगा दिल्ली संंबंधी बिल, राज्यसभा में बीजेडी-वाईएसआरसीपी का सरकार को समर्थन

राज्यसभा में एनडीए के 105 सदस्य हैं। नामित सदस्य भी सरकार के पक्ष में वोट देंगे। इसके बाद सरकार को बिल पास कराने के लिए बहुमत के वास्ते 9 और सांसदों की कमी पड़ रही थी। ये कमी बीजेडी और वाईएसआरसीपी के सांसदों से आसानी से पूरी हो जाएगी। राज्यसभा में बीजेडी और वाईएसआरसीपी के 9-9 सांसद हैं।

नई दिल्ली। संसद में आज दिल्ली सरकार के अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग संबंधी बिल (जीएनसीटीडी) पर चर्चा होनी है। चर्चा के बाद इसे मोदी सरकार पास कराएगी। लोकसभा में अकेले बीजेपी के पास ही 303 सांसदों का बहुमत है। ऐसे में लोकसभा से दिल्ली संबंधी बिल का पास होना मुश्किल नहीं है। दिल्ली पर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) समेत अन्य विपक्षी दलों के गठबंधन ने बिल का विरोध कर इसे संविधान के खिलाफ बताया है और खिलाफ में वोट करने का एलान किया है। वहीं, आंध्र प्रदेश की वाईएसआरसीपी और ओडिशा की बीजेडी ने बिल के मसले पर मोदी सरकार का साथ देने का फैसला किया है। इस तरह विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A को तगड़ा झटका लगा है।

modi shah

बीजेडी और वाईएसआरसीपी की सहायता से दिल्ली संबंधी ये बिल अब राज्यसभा में भी आसानी से पास होता दिख रहा है। राज्यसभा में एनडीए के 105 सदस्य हैं। नामित सदस्य भी सरकार के पक्ष में वोट देंगे। इसके बाद सरकार को बिल पास कराने के लिए बहुमत के वास्ते 9 और सांसदों की कमी पड़ रही थी। ये कमी बीजेडी और वाईएसआरसीपी के सांसदों से आसानी से पूरी हो जाएगी। राज्यसभा में बीजेडी और वाईएसआरसीपी के 9-9 सांसद हैं। इस तरह दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग संबंधी बिल पर सरकार को हराना फिलहाल विपक्ष के लिए मुश्किल ही दिख रहा है। कुल मिलाकर एकजुट विपक्षी गठबंधन को पहली बार मोदी सरकार से झटका लगने जा रहा है।

supreme court

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को ही अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार है। कोर्ट ने ये भी कहा था कि दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर को मंत्रीमंडल की सिफारिश के मुताबिक काम करना होगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की काट के तौर पर मोदी सरकार पहले अध्यादेश लाई थी। इस अध्यादेश की जगह अब बिल लाया जा रहा है। कानून बनने के बाद अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का काम एक कमेटी के हवाले होगा। इस कमेटी में दिल्ली के सीएम, चीफ सेक्रेटरी और होम सेक्रेटरी होंगे। जिनकी अनुशंसा पर गवर्नर अफसरों का ट्रांसफर और उनकी पोस्टिंग कर सकेंगे।