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Bareilly: कराने गए थे तोतलेपन का ऑपरेशन, कर डाला बच्चे का खतना, कार्रवाई के बाद हॉस्पिटल का लाइसेंस हुआ सस्पेंड

Bareilly: जैसे ही ये पूरा मामला उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम के संज्ञान में आया, तो उन्होंने सीएमओ (स्वास्थ्य निदेशक) को कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। इस कमेटी के तहत 4 डॉक्टरों का पैनल बनाया गया, जिन्होंने हॉस्पिटल जाकर मामले की जांच की। इस जांच में डॉक्टर और पूरे स्टाफ के साक्ष्य लिए गए हैं। साथ ही, बच्चे के परिजनों के भी बयान दर्ज किए गए हैं। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सीएमओ डॉ बलबीर सिंह ने बताया कि सभी आवश्यक दस्तावेजों को कब्जे में लिया गया है और एम खान हॉस्पिटल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।

लखनऊ। बरेली के एम खान हॉस्पिटल में एक विवादस्पद मामला सामने आया है जिसने लोगों को हैरान कर दिया है। अस्पताल तोतलेपन के चलते जीभ का ऑपरेशन कराने आए एक ढाई साल के बच्चे का डॉक्टर ने खतना कर डाला। इस घटना के प्रकाश में आने के बाद हिंदू संगठनों ने इस मामले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है और अस्पताल और डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाई की मांग की है। इसके पश्चात्, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र में स्थित एम खान हॉस्पिटल से संबंधित बताया जा रहा है।

बच्चे का खतना कराने गए डॉक्टर का नाम मोहम्मद जावेद खान है। इसके आलावा इस पूरे मामले में यह भी बात सामने आई है कि इस बच्चे को 3 साल की उम्र तक तुतलाते हुए बोलने में दिक्कत थी। बच्चा तुतलाते हुए बोलता था। जिसके चलते वो इलाज के लिए अस्पताल लेकर गए थे। लेकिन जैसे ही बच्चे का खतना किए जाने की जानकारी उनको लगी। इसके बाद बच्चे के परिजनों ने इस मामले के बाद हंगामा किया और पुलिस और हिंदू संगठन के नेताओं की मौजूदगी में अस्पताल प्रशासन से इस मामले को लेकर तीखी बहस भी हुई। पुलिस के आगमन के बाद मामला बेहद गर्म हो गया था। हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर पुलिस के सामने हंगामा किया। पुलिस ने बातचीत करके इस हंगामे को शांत करने का प्रयास किया। हालांकि, बच्चे के पिता ने अपनी बात रखने के लिए थाने में तहरीर दी है।

जैसे ही ये पूरा मामला उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम के संज्ञान में आया, तो उन्होंने सीएमओ (स्वास्थ्य निदेशक) को कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। इस कमेटी के तहत 4 डॉक्टरों का पैनल बनाया गया, जिन्होंने हॉस्पिटल जाकर मामले की जांच की। इस जांच में डॉक्टर और पूरे स्टाफ के साक्ष्य लिए गए हैं। साथ ही, बच्चे के परिजनों के भी बयान दर्ज किए गए हैं। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए सीएमओ डॉ बलबीर सिंह ने बताया कि सभी आवश्यक दस्तावेजों को कब्जे में लिया गया है और एम खान हॉस्पिटल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, ओपीडी (आपरेशन थिएटर) बंद कर दिया गया है।