नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एलोपैथी दवाओं को लेकर दिए गए विवाद खड़ा करने वाले बयान पर बाबा रामदेव को पत्र लिखा है और उन्होंने कहा है कि पूरे देशवासियों के लिए कोरोना के खिलाफ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं। बाबा रामदेव के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है। इस संबंध में उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है।
उन्होंने पत्र लिखते हुए कहा, ‘एलोपैथिक दवाओं और डॉक्टरों पर आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत हुए हैं। लोगों की इस भावना से मैं आपको फोन पर पहले ही अवगत करा चुका हूं। शनिवार को जो आपने स्पष्टीकरण जारी किया है, वह लोगों की चोटिल भावनाओं पर मरहम लगाने में नाकाफी है। कोरोना महामारी के इस संकट भरे दौर में जब एलोपैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों ने करोडों लोगों को नया जीवन दान दिया है, आपका यह कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों कोरोना मरीज की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना महामारी के खिलाफ यह लड़ाई सामूहिक प्रयास से ही जीती जा सकती है।’
संपूर्ण देशवासियों के लिए #COVID19 के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं।
बाबा @yogrishiramdev जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई।
मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है। pic.twitter.com/QBXCdaRQb1
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 23, 2021
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आगे पत्र में लिखा, ‘आपके (बाबा रामदेव) द्वारा कोरोना के इलाज में एलोपैथी चिकित्सा को तमाशा, बेकार और दिवालिया बताना दुर्भाग्यपूर्ण है। आज लाखों लोग कोरोना से ठीक होकर घर जा रहे हैं। आज अगर देश में कोरोना से मृत्यु दर सिर्फ 1.13 फीसदी और रिकवरी रेट 88 फीसदी से अधिक है तो उसके पीछे एलोपैथी और उसके डॉक्टरों का अहम योगदान है। इलाज के मौजूदा तरीकों को तमाशा बताना न सिर्फ एलोपैथी बल्कि उनके डॉक्टरों के मनोबल को तोड़ने और कोरोना महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करने वाला साबित हो सकता है। मैं आपके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को पर्याप्त नहीं मानता।’
इससे पहले विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए पतंजलि योगपीठ ने एक बयान जारी कर टिप्पणी का खंडन किया है और कहा है कि यह स्पष्ट किया गया है कि वीडियो का संपादित किया गया संस्करण स्वामी जी द्वारा दिए जा रहे संदर्भ से अलग है। आचार्य बाल कृष्ण के हस्ताक्षर के जारी बयान के अनुसार, महामारी काल में रात-दिन कठिन परिश्रम कर रहे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का रामदेव पूरा-पूरा सम्मान करते हैं। बयान के अनुसार, ‘स्वामी जी की आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा करने वालों के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं है। उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाया जा रहा है वह गलत व निरर्थक है।’
स्वामी रामदेव ने भी स्वास्थ्य मंत्री के पत्र का दिया जवाब और अपने बयान के लिए मांगी क्षमा
माननीय श्री @drharshvardhan जी आपका पत्र प्राप्त हुआ,
उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूँ और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं- pic.twitter.com/jEAr59VtEe— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) May 23, 2021