नई दिल्ली। टैक्स चोरी में मंत्री सत्येंद्र जैन के जेल जाने के बाद अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के एक और खास विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलों में इजाफा होता दिख रहा है। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर LG वीके सक्सेना ने अमानतुल्लाह पर केस चलाने की मंजूरी सीबीआई को दे दी है। एलजी ने ये मंजूरी दिल्ली वक्फ बोर्ड में धांधली कर खास लोगों को नौकरी देने के मामले में दी है। ये मामला साल 2016 में सामने आया था। उस वक्त अमानतुल्लाह खान दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन थे। उनके अलावा तब बोर्ड के सीईओ रहे महबूब आलम पर भी एलजी ने केस चलाने की मंजूरी दी है। बता दें कि दिल्ली में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भी अमानतुल्लाह का नाम सामने आया था।
दोनों पर नियमों और कानून के जानबूझकर आपराधिक उल्लंघन, पद के दुरुपयोग, सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण एक्ट और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत दोनों पर केस चलाने की मंजूरी मांगी थी। इस मामले में अमानतुल्लाह और महबूब अब जेल भी जा सकते हैं। दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के एसडीएम ने नवंबर 2016 में अमानतुल्लाह खान के खिलाफ शिकायत की थी। एसडीएम ने कहा था कि अमानतुल्लाह ने वक्फ बोर्ड में स्वीकृत और अस्वीकृत पदों पर मनमाने तरीके से लोगों को नियुक्त कर दिया। इस मामले की जांच सीबीआई को दी गई थी। सीबीआई का दावा है कि पूरे मामले में अमानतुल्लाह और महबूब के खिलाफ उसके पास पुख्ता सबूत हैं।
सीबीआई ने जांच में पाया कि अमानतुल्लाह और महबूब आलम ने मिलकर पद का दुरुपयोग किया। नियमों में अनदेखी की और योग्य लोगों की अनदेखी कर भर्ती प्रक्रिया में हेरफेर कर चहेतों की नियुक्ति कर दी। पहचान वाले लोगों को अनधिकृत तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए दोनों ने समानता और अवसर के अधिकार के मूल सिद्धांत को किनारे रख दिया। सीबीआई ने एलजी को जो फाइल भेजी थी, उसमें पहली नजर में मिले तमाम सबूत भी दिए गए थे। जिन्हें देखने के बाद एलजी ने अमानतुल्लाह और महबूब पर केस चलाने की मंजूरी दी है।