नई दिल्ली। गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ते ही पार्टी में कई बड़े नेता भले ही उनपर निशाना साध रहे हों, लेकिन तमाम और सीनियर नेता भी आजाद के पक्ष में खड़े होते दिखने लगे हैं। इनमें पार्टी छोड़ने वाले और मौजूदा नेता भी है। ये नेता खुलकर कह रहे हैं कि गुलाम नबी की बात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सुननी चाहिए थी। इन नेताओं का ये भी कहना है कि गुलाम नबी ने कांग्रेस के तौर-तरीकों में बदलाव के लिए आवाज उठाई थी। उनका ये भी कहना है कि राहुल गांधी के बारे में गुलाम नबी ने जो बातें कही हैं, वे भी कहीं न कहीं सही हैं। बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने कल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 5 पन्नों के इस्तीफे में राहुल गांधी पर एकाधिकार से पार्टी को चलाने के अलावा ये आरोप भी लगाया था कि उनके सुरक्षाकर्मी और पीए तक पार्टी से जुड़े फैसले लेते हैं।
कांग्रेस को पहले अलविदा कर चुके और केंद्र में मंत्री रहे अश्विनी कुमार ने एक टीवी चैनल के शो में साफ कहा कि गुलाम नबी की चिट्ठी में गुस्सा और दर्द दोनों हैं। अगर अब भी कांग्रेस को सच्चाई नजर नहीं आ रही, तो पार्टी का भगवान ही मालिक है। अश्विनी कुमार ने और क्या कहा, ये आप इस वीडियो में सुन सकते हैं।
#GhulamNabiAZAD: ‘उनकी चिट्ठी में गुस्सा भी है और दर्द भी.. अगर अब भी कांग्रेस को नजर नहीं आ रहा कि सच्चाई क्या है तो फिर भगवान ही मालिक है’ देखिए, कांग्रेस के पूर्व नेता @DrAshwani_Kumar ने ऐसा क्यों कहा@navikakumar #SawalPublicKa pic.twitter.com/CGWXD3msRY
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) August 26, 2022
वहीं, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने भी गुलाम नबी के आरोपों पर कहा कि आजाद ने पार्टी को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया। सोज ने कहा कि उनका जाना ठीक नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि गुलाम नबी की चिट्ठी में जो बातें हैं, उनका समाधान सोनिया गांधी कर सकती थीं।
#GhulamNabiAZAD: ‘गुलाम नबी आजाद ने पार्टी को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया, उनका जाना ठीक नहीं है. मगर मुझे लगता है कि उनकी चिट्ठी में जो बातें हैं उनका समाधान सोनिया गांधी कर सकती थीं’- #Congress के वरिष्ठ नेता @Saifuddinsoz_@navikakumar #SawalPublicKa pic.twitter.com/QFFfugQvA0
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कुछ ऐसी ही बात महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी कही है। चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस के नेता पीएम नरेंद्र मोदी पर तानाशाही का आरोप लगाते हैं, लेकिन क्या कांग्रेस में अंदरखाने सबकुछ ठीक है और वो लोकतांत्रिक तरीके से चल रही है? चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस में नए अध्यक्ष की नियुक्ति लोकतांत्रिक तरीके से होनी चाहिए। पृथ्वीराज ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपने 135 साल पुराने संविधान पर नहीं चल रही है। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत को अध्यक्ष बनाने पर चर्चा थी, लेकिन उन्होंने नाम वापस ले लिया। चव्हाण ने गुलाम नबी का समर्थन भी किया। उन्होंने कहा कि पार्टी के तौर तरीकों में बदलाव की मांग हमने की। ये कोई गुनाह था क्या?
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद पृथ्वीराज चव्हाण ने पूछा क्यों नहीं हो रहे कांग्रेस में चुनाव?
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दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने इस मामले में गुलाम नबी को चिट्ठी लिखी है। संदीप दीक्षित ने इस चिट्ठी में लिखा है, ‘पार्टी छोड़ने से दुर्भाग्यवश उन नीतियों, व्यवस्था और व्यक्तियों को मजबूती मिलेगी जिनके चलते हमने पार्टी के भीतर सुधार के लिए पत्र लिखा था।’
“We had raised banner of reform, not banner of revolt… It was imp to remain inside party… INC will be much weaker without GN Azad, but the Azad who authored G23 letter, not the one who authored this resignation,” reads a letter sent out by Cong leader Sandeep Dikshit pic.twitter.com/yDuvxrDv4L
— ANI (@ANI) August 26, 2022
उधर, कांग्रेस में गुलाम नबी के इस्तीफे से मची हलचल के बीच बीजेपी को भी विपक्षी दल पर हमले का नया मुद्दा मिल गया है। आप सुनिए कि बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस मामले में किस तरह कांग्रेस पर तंज कसा।
#GhulamNabiAZAD: ‘ कांग्रेस में चुनाव नहीं करवाते मगर चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हैं.. आज INC का मतलब आई नीड चमचा हो गया है’ देखिए, #BJP प्रवक्ता @Shehzad_Ind ने ऐसा क्यों कहा@navikakumar #SawalPublicKa pic.twitter.com/ATs71gLj6w
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कुल मिलाकर भारत जोड़ो यात्रा निकालने जा रही कांग्रेस के लिए गुलाम नबी का इस्तीफा तगड़ा झटका माना जा रहा है। खासकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए होने वाले चुनावों से ठीक पहले आजाद का ये कदम वहां सियासी तौर पर कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। पार्टी में इसे लेकर भी खूब चर्चा होने की खबरें आ रही हैं।