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Lok Sabha Election 2024: विपक्षी गठबंधन के नाम का खुलासा, शिमला में होने वाली बैठक में लग सकती है मुहर

Lok Sabha Election 2024: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जनरल सेक्रेटरी कामरेड डी. राजा की तरफ से  जारी प्रेस रिलीज में लिखा है 23 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आमंत्रण पर आहूत देश के प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक में मौजूद 15 राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर आगामी 2024 लोकसभा चुनावों में भाग लेने और भाजपा- संघ मुक्त भारत के निर्माण का संकल्प लिया जो व्यापक राष्ट्रहित में लोकतंत्र व संविधान की हिफाजत के लिए स्वागतयोग्य प्रस्थानबिंदु हैं।

नई दिल्ली। विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम सामने आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विपक्षी दलों के गठबंधन का नया नाम खुलासा हुआ है। विपक्षी गठबंधन का नाम पीडीए यानि ‘पेट्रियोटिक डेमोक्रेटिक अलायंस’ हो सकता हैं। सीपीआई की प्रेस रिलीज में नए नाम ऐलान किया गया है। खबर है कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होने वाली बैठक में इस नाम पर अंतिम मुहर लग सकती है। सीपीआई की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में डी राजा के हवाले से नए गठबंधन का पीडीए बताया गया है। गौरतलब है कि बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक हुई थी। इसमें 15 विपक्षी दलों ने भाग लिया। जिसमें कांग्रेस, पीडीपी, टीएमसी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआई, समाजवादी पार्टी आदि के नेता शामिल हुए। इस बैठक के बाद तय किया गया कि शिमला में अगली मीटिंग होगी। माना जा रहा है कि इसमें विपक्ष के नेता को चुना जा सकता है।

बता दें कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जनरल सेक्रेटरी कामरेड डी. राजा की तरफ से  जारी प्रेस रिलीज में लिखा है 23 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आमंत्रण पर आहूत देश के प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक में मौजूद 15 राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर आगामी 2024 लोकसभा चुनावों में भाग लेने और भाजपा- संघ मुक्त भारत के निर्माण का संकल्प लिया जो व्यापक राष्ट्रहित में लोकतंत्र व संविधान की हिफाजत के लिए स्वागतयोग्य प्रस्थानबिंदु हैं। आगे की बैठक, जो जुलाई के पहले पखवाड़े में शिमला में आयोजित होने वाली है। उसमें राष्ट्रीय विपक्षी एकता की प्रकिया को नयी ऊंचाई देते हुए एक देशभक्त लोकतंत्रिक गठबंधन (पीडीए) की सारी पूर्वापेक्षायें पूरी करते हुए उसे ठोस स्वरूप दिया जाना चाहिए। ताकि आगामी चुनावों में मोदी की निरंकुश सत्ता को अपदस्थ करने के लिए एक के मुकाबले एक चुनावी परिदृश्य तैयार किया सके। हालांकि डी राजा के इस बयान के बाद सियासी पारा गर्मा सकता है सवाल ये भी है कि जितना महत्व यूपीए में कांग्रेस को मिला था क्या पीडीए में भी कांग्रेस को उतनी तरजीह दी जाएगी ?

ज्ञात हो कि मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। जिसमें आरजेडी प्रमुख लालू यादव, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सुप्रिया सुले, उमर अब्दुल्ला समेत तमाम दलोंं के बड़े नेता शामिल हुए। सीएम नीतीश कुमार के आवास पर यह बैठक आयोजित की गई थी। जिसकी मेजबानी खुद नीतीश और तेजस्वी यादव ने की थी।