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नेशनल डॉक्टर्स-डे : राहुल गांधी ने की स्वास्थ्यकर्मियों से बातचीत, कहा- आप लोगों पर हमें गर्व है

इस खास मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बुधवार को स्वास्थ्यकर्मियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। जिसमें यूनाइटेड किंगडम, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और भारत के डॉक्टर और नर्सें शामिल थीं।

नई दिल्ली। देश में हर साल की तरह इस साल भी नेशनल डॉक्टर्स-डे मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बुधवार को स्वास्थ्यकर्मियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। जिसमें यूनाइटेड किंगडम, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और भारत के डॉक्टर और नर्सें शामिल थीं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों के साथ कोरोना महामारी को लेकर भी चर्चा की।

Rahul Gandhi

आपको बता दें कि कोरोना काल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई एक्सपर्ट से बात की है। फिर चाहे वो अर्थव्यवस्था के दिग्गज हो या फिर बिजनेसमैन, इसके अलावा दुनिया के कई बड़े मेडिकल एक्सपर्ट्स से भी राहुल गांधी चर्चा कर चुके हैं। इस क्रम में आज उन्होंने ये बातचीत डॉक्टर्स के साथ की और उनके अनुभव जानें।

Rahul Gandhi

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि आप लोगों पर हमें गर्व है। हम आप लोगों से ये जानना चाहते हैं कि आप लोग इस मुश्किल वक्त में कैसे काम कर रहे हैं।

इंग्लैंड में डॉक्टरी पेशा से जुड़ी शैर्ली-

ब्रिटेन के अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा जारी है। रेड और ग्रीन जोन बनाए गए हैं। राहुल ने पूछा कि क्या आप लोगों के बच्चे भी साथ रहते हैं। इस पर शर्ली ने बताया कि वह 6 सप्ताह तक बाहर रहीं ताकि पति और बच्चे संक्रमण की चपेट में ना आएं। करीब 15 दिन पहले मैं अपने घर आई। यहां पर हमें सरकार, लोग और सुपरमार्केट्स सभी से मदद मिल रही है।

इस दौरान एम्स में काम करने वाले केरल के डॉक्टर विपिन ने अपना अनुभव साझा किया। विपिन ने बताया कि दिल्ली में टेस्टिंग काफी कम हो रही है और लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। विपिन ने बताया कि मुझे भी कोरोनावायरस हो गया। मैं अभी क्वारनटीन हूं। विपिन बोले कि मेरी पत्नी को भी कोरोना हुआ है, उसे टेस्ट के लिए दस घंटे तक इंतजार करना पड़ा। मौजूदा स्थिति के बारे में डॉक्टर ने बताया कि भारत में 1.2 मिलियन एलोपैथिक डॉक्टर हैं, जबकि 3 मिलियन से अधिक नर्स हैं। लेकिन भारत में प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में जमीन आसमान का अंतर है। प्राइवेट अस्पतालों में यही दिक्कत है कि उनकी सैलरी कट रही है, सरकार को मदद करनी चाहिए।

ऑस्ट्रेलिया में काम कर रहे डॉक्टर नरेंद्र सिंह

राहुल से बातचीत में ऑस्ट्रेलिया नरेंद्र ने कहा कि शुरुआत में तो इस बीमारी के इतने गंभीर परिणामों के बारे में सोचा भी नहीं था। लेकिन जैसे ही लोगों की मौत होने लगी तो हर कोई डर गया। इसके बाद युद्ध स्तर पर लड़ने की तैयारी शुरू हो गई। नरेंद्र ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य उपायों के साथ ही टेस्टिंग बहुत जरूरी है। हमें लगातार हाथ धोते रहना होगा।

अनु- न्यूजीलैंड: राहुल गांधी से बातचीत में न्यूजीलैंड से अनु ने कहा कि सख्ती के चलते यहां पर हम काफी हद तक कोरोना को काबू करने में सफल रहे हैं।उन्होंने बताया कि ऑकलैंड जैसे शहरों में काफी ज्यादा भीड़ होती है, ऐसे में सख्ती ना की होती तो ज्यादा लोगों की जान जा सकती थी। यही वजह रही कि हमने और सरकार ने शुरुआत से ही सख्ती अपनाए रखी।