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New Role: कांग्रेस से पटरी न बैठने के बाद नए रोल में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, खुद सियासत में उतरे

प्रशांत किशोर ने जब बीजेपी से नाता तोड़ा था, तो वो बिहार में जेडीयू के साथ जुड़े थे। नीतीश कुमार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था। फिर वो पंजाब जाकर तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार बन गए। वहां से निकलने के बाद बंगाल में ममता दीदी का साथ दिया।

पटना। पहले बीजेपी, फिर जेडीयू, फिर टीएमसी। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सियासत में अर्श से फर्श तक का सफर किया। पिछले दिनों कांग्रेस में शामिल होने का उनका सपना टूट गया था। प्रशांत किशोर ने उसके बाद कांग्रेस के नेताओं पर तंज भी कसा था। प्रशांत ने कहा था कि कांग्रेस समेत किसी दल में फिलहाल ये ताकत नहीं कि वे पीएम नरेंद्र मोदी को हरा सकें। अब तमाम दलों का सफर पूरा करने के बाद प्रशांत किशोर अपनी तरफ से सियासत की नई पारी खेलने की तैयारी में हैं। इसका खुलासा उन्होंने आज खुद ट्वीट करके दिया है।

प्रशांत ने अपनी ताजा सियासी पारी की शुरुआत अपने गृह राज्य बिहार से करने की तैयारी की है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘लोकतंत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान और लोगों के हित में नीति बनवाने की मेरी चाहत को 10 साल पूरे हो गए। इस दौरान काफी उतार-चढ़ाव देखे। अब मैं पन्ना पलट रहा हूं। हकीकत में मास्टर यानी आम जनता के पास जाने का वक्त है। ताकि मुद्दों को बेहतर तरीके से समझा जा सके। इसके लिए “जन सुराज” की शुरुआत कर रहा हूं। जनता के लिए अच्छी सरकार की खातिर शुरुआत बिहार से।’ बता दें कि इससे पहले बिहार में काफी वक्त तक प्रशांत किशोर रहे हैं।

prashant kishor

प्रशांत किशोर ने जब बीजेपी से नाता तोड़ा था, तो वो बिहार में जेडीयू के साथ जुड़े थे। नीतीश कुमार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था। फिर वो पंजाब जाकर तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार बन गए। वहां से निकलने के बाद बंगाल में ममता दीदी का साथ दिया। कांग्रेस से हाल ही में बात बिगड़ने के बाद प्रशांत किशोर ने तेलंगाना का रुख किया और अपनी कंपनी IPAC और तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस के बीच समझौता कराया। अब सबकी नजर इसपर है कि प्रशांत अपनी नई सियासी पारी में कहां पहुंचते हैं।