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OPS: सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी अच्छी खबर! मोदी सरकार पूरी कर सकती है ओपीएस की पुरानी मांग

2004 से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) सरकार ने बंद कर दी थी। इसकी जगह नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई थी। सरकारी खजाने पर ओपीएस बोझ बन रहा था। इसकी वजह से अटल बिहारी वाजपेयी की तत्कालीन सरकार ने एनपीएस लागू किया था। इसके खिलाफ काफी दिनों से सरकारी कर्मचारी आवाज उठा रहे हैं।

नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों के लिए आने वाले दिन अच्छी खबर ला सकते हैं। मामला पुरानी पेंशन योजना का है। दरअसल, 2004 से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) सरकार ने बंद कर दी थी। इसकी जगह नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई थी। सरकारी खजाने पर ओपीएस बोझ बन रहा था। इसकी वजह से अटल बिहारी वाजपेयी की तत्कालीन सरकार ने एनपीएस लागू किया था। इसके खिलाफ काफी दिनों से सरकारी कर्मचारी आवाज उठा रहे हैं। वे ओपीएस को फिर से लागू करने की मांग भी कर रहे हैं। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने भी ओपीएस का ऑफर देकर कई राज्यों में बीजेपी को चुनावों में शिकस्त दी है। ऐसे में मोदी सरकार एक बार फिर ओपीएस लागू करने की दिशा में बढ़ती दिख रही है।

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सूत्रों के मुताबिक पुरानी पेंशन योजना को नए रूप और रंग में लागू किया जा सकता है। इसका एलान कुछ राज्यों में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार कर सकती है। नए रूप में ओपीएस के तहत 35 से 40 फीसदी न्यूनतम पेंशन का फायदा कर्मचारियों को दिया जा सकता है। यानी सरकारी कर्मचारी की आखिरी तनख्वाह का इतना पेंशन दिया जाएगा। अभी ये तय नहीं है कि नई पेंशन योजना के तहत जो रकम कर्मचारियों के खाते से काटी गई है, उसका फिर लाई जाने वाली पुरानी पेंशन योजना में समायोजन होगा या सरकार अलग से इसका कोई लाभ कर्मचारी को देगी।

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नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारी की तनख्वाह से ही रकम कटती है। इस रकम पर सरकार कुछ अंशदान करती है और फिर ब्याज दिया जाता है। एनपीएस के तहत मिलने वाली पेंशन ओपीएस के पेंशन से कम होती है। ओपीएस में सरकारी कर्मचारी की तनख्वाह से पेंशन के लिए कोई पैसा नहीं काटा जाता था। सरकार अपने पास से ये पेंशन रिटायर होने पर कर्मचारी को देती थी।